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व्यंग्य: iChowk: हिज्बुल कमांडर को इसलिए नहीं मिली ISIS में नौकरी

जिहादी तो वो तब भी था. जिहादी तो वो अब भी है. लेकिन फिलहाल वो बेरोजगार है. एक झटके में उसका कॅरिअर अर्श से फर्श पर पहुंच गया है.

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सैयद सलाहुद्दीन
सैयद सलाहुद्दीन

जिहादी तो वो तब भी था. जिहादी तो वो अब भी है. लेकिन फिलहाल वो बेरोजगार है. एक झटके में उसका कॅरिअर अर्श से फर्श पर पहुंच गया है.

अब्दुल कयूम नजर ने दुनिया भर की कई प्लेसमेंट एजेंसियों को अपना सीवी भेजा है, लेकिन अब तक बात नहीं बन पाई है. ISIS में इंटरव्यू के दो राउंड भी वो पार कर चुका था. मामला फंसा रिलीविंग ऑर्डर को लेकर. असल में नजर के पैतृक संगठन ने उसे एक्सपल्शन ऑर्डर थमा दिया है. ऐसे में ISIS में भी नौकरी के उसके दरवाजे फिलहाल तो बंद नजर आ रहे हैं.

दहशतगर्दी बोले तो असंवैधानिक नहीं
अब्दुल कयूम नजर ने एक मोबाइल टॉवर पर हमला किया था और छह लोगों को मौत की नींद सुला दिया. नजर ने अपने साथी इम्तियाज अहमद के साथ मिलकर सोपोर और उसके आस पास के इलाकों में ये हत्याएं की थीं.

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जब हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने जांच कराई तो पता चला जो लोग मारे गए वे सब के सब 'बेकसूर' थे.

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