गौरतलब है कि इससे पहले कोर्ट ने सिद्धरमैया सरकार से सदन में इस रिपोर्ट पेश करने पर रोक लगा दी थी. सरकार की ओर से सीआईडी की रिपोर्ट को बंद लिफाफे में एडवोकेट जनरल प्रो. रवि वर्मा कुमार ने कोर्ट को सौंपा. रवि की महिला बैचमेट रोहिणी सिंधूरी के पति सुधीर रेड्डी ने इस बाबत एक रिट याचिका दाखिल की थी, जिसके तहत यह रिपोर्ट पेश की गई. मामले में सुधीर ने कोर्ट से अंतरिम आदेश लिया था, जिसके बाद विधानसभा में रिपोर्ट की पेशी पर रोक लग गई थी.
सरकार ने अपनी ओर से हाई कोर्ट से अपील की कि उसे सदन में रिपोर्ट पेश की इजाजत दी जाए. सरकार ने दलील दी कि रवि की बैचमेट मौत मामले की अहम कड़ी है. एडवोकेट जनरल ने बताया कि सरकार ने रिपोर्ट में महिला अधिकारी का नाम नहीं लिया है और इसे प्राइवेसी का मामला माना है. सरकार ने रिपोर्ट में लिखा है कि रवि महिला बैचमेट के साथ अपने रिश्तों को दोस्ती से आगे बढ़ाना चाहता था.
एडवोकेट जनरल कुमार ने कोर्ट में रवि की कॉल डिटेल और मैसेज का भी जिक्र किया, जिसमें मौत के दिन महिला के फोन पर रवि ने 44 बार फोन किया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि तीन डॉक्टरों ने इस ओर जांच के बाद पुष्टि की है कि रवि की मौत फांसी लगाने से हुई है. कुमार ने कहा कि सरकार को सदन में रिपोर्ट पेश करने का अधिकार दिया जाए, क्योंकि इस ओर रोक से सरकार मीडिया द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर सफाई नहीं दे पा रही है.
कुमार ने कहा, 'रिपोर्ट को पेश करने पर रोक ने सरकार के हाथ बांध दिए हैं.'
गौरतलब है कि इससे पहले इस बाबत महिला बैचमेट ने भी जांच अधिकारी को बताया था कि रवि उससे बार-बार पति को छोड़ने की बात करता था. महिला बैचमेट ने रवि पर मानसिक शोषण का भी आरोप लगया है.