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राहुल गांधी पूरी बटालियन लगा लें अपनी सुरक्षा में, पर रोना बंद करेः राजनाथ सिंह

पटना में बीजेपी की हुंकार रैली में पार्टी अध्‍यक्ष राजनाथ सिंह ने कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी पर जमकर सियासी तीर बरसाए. उन्‍होंने कहा कि राहुल गांधी अगर चाहें, तो अपनी सुरक्षा में पूरी बटालियन ही लगा लें, लेकिन खतरे के नाम पर रोना बंद करें. पढि़ए राजनाथ सिंह का पूरा भाषण...

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हुंकार रैली में बीजेपी के दिग्‍गज नेता...
हुंकार रैली में बीजेपी के दिग्‍गज नेता...

पटना में बीजेपी की हुंकार रैली में पार्टी अध्‍यक्ष राजनाथ सिंह ने कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी पर जमकर सियासी तीर बरसाए. उन्‍होंने कहा कि राहुल गांधी अगर चाहें, तो अपनी सुरक्षा में पूरी बटालियन ही लगा लें, लेकिन खतरे के नाम पर रोना बंद करें. पढि़ए राजनाथ सिंह का पूरा भाषण...

बिहार ने हिंदुस्तान में इतिहास का निर्माण किया है. और इस जनसभा ने भी देश में नए इतिहास का निर्माण किया है. इसलिए बिहार के मेरे बहनों भाइयों. अपनी तरफ से और बीजेपी की तरफ से आप सभी का शीश झुकाकर स्वागत करता हूं. समय समय पर बिहार में इतिहास बना है. और मैं जानता हूं कि इतिहास निर्माण का साक्षी यह बिहार रहा है. भगवान बुद्ध और भगवान महावीर की कर्मस्थली यह बिहार रहा है. कौन भूल सकता है दयानंद सरस्वती को. 1857 में जो बिहार के वीरों ने क्रांति का बिगुल बजाया था. 85 साल के वीर कुंवर सिंह. किन किन को याद करूं. चाणक्य ने इसी बिहार की धरती से एक साधारण से बालक को उठाकर उसकी योग्यता को विकसित किया और उसी के माध्यम से नंद वंश का सफाया कराया और चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाया था. आज रैली के माध्यम से मैं कह सकता हूं कि बिहार की जनता ने संकल्प लिया है. कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर चाय बेचने वाले साधारण लड़के को, जिसे अटली जी और आडवाणी जी का आशीर्वाद है. उसे देश का प्रधानमंत्री बनाने का फैसला किया है.

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मुझे भरोसा है कि आप इतिहास बनाएंगे. मैं कह सकता हूं कि नरेंद्र भाई सिर्फ बीजेपी द्वारा प्रोजेक्ट किए हुए पीएम के उम्मीदवार नहीं हैं. बल्कि हिंदुस्तान के जन जन के आशा, भरोसा और विश्वास हैं. और मैं यह भी बताना चाहता हूं.

आप सभी जानते हैं कि दिल्ली की कांग्रेस की सरकार ने देश की जनता का भरोसा तोड़ दिया है. 55 वर्षों से अधिक हुकूमत कांग्रेस ने की है.125 करोड़ की जनसंख्या को एक महान भारत बनाने के लिए यह कम समय नहीं होता. मगर कांग्रेस ने अपने शासनकाल में गरीबी, बेरोजगारी, कंगाली को बढ़ाया है. यही सबसे बड़ी उपलब्धि इस कांग्रेस पार्टी की रही है. इसीलिए मैं कहता हूं कि इस पार्टी ने इस देश के भरोसे को तोड़ दिया है. उसे पुनः कायम कर सकता है, तो देश का सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता नरेंद्र भाई ही कर सकता है.

साढ़े नौ साल पहले महंगाई बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ. पीएम भरोसा दिलाते रहे 100 दिनों के अंदर. छह महीनों के अंदर महंगाई कम होगी. मगर ये जारी है. मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं. आपने बीजेपी के नेतृत्व की सरकार भी देखी है. अटल जी के शासन में छह साल में एक दिन भी, आजाद भारत के इतिहास में महंगाई को बढ़ने नहीं दिया.

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आज मैं यह भी कहना चाहता हूं कि हमारा ये बिहार ऐसा राज्य है. जहां की 85 फीसदी जनता गांवों में रहती हैं. इनकी गरीबी और बेरोजगारी को कोई दूर कर सकता है, तो बीजेपी की सरकार ही दूर कर सकती है. हम जानते हैं कि भारत दिल्ली, मुंबई की चौड़ी सड़कों में. ऊंची इमारतों में नहीं रहता है. यह गांव गली में रहता है, जब इसका विकास होगा, तभी स्वप्न साकार होगा.

मैं सबको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि जिस दिन बीजेपी की सरकार आएगी, उस दिन सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता जो किसान है, हम उसकी हालत सुधारने की, उसकी क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए काम करेंगे. किसान की जेब में पैसा होगा, तो व्यापारी का व्यापार चलेगा. दुकानदार की दुकान चलेगी. डॉक्टर की डॉक्टरी चलेगी. वकील की वकालत चलेगी. पूरा हिंदुस्तान चलेगा.

आपको यह भी बताना चाहता हूं कि अटल जी की सरकार में मैं कृषि मंत्री बने. मैंने निवेदन किया. अटल जी मान गए. पहले किसानों को खेती के लिए 14 से 20 फीसदी दर पर ब्याज मिलता था. मैंने कहा कि यह कहां का इंसाफ है. अटल जी ने कहा, कम करो. पहली बार साढ़े आठ फीसदी की दर पर किसान ऋण किया गया. फिर बीजेपी की राज्यों में सरकार बनी, तो इसे और घटाया. आज हमारी मध्यप्रदेश समेत कई सरकारें, शून्य फीसदी दर पर कर्ज दे रही हैं किसानों को. इसकी कल्पना देश क्या कोई दुनिया में भी नहीं कर सकता है.

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मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि ये फॉर्मूला क्यों जरूरी है. बिहार में कभी अकाल कभी सूखा पड़ जाता है. इसीलिए हमने तय किया है कि खेत की बुवाई के पहेल किसान की खेत की आमदनी तय करनी चाहिए. यदि फसल बर्बाद हो जाती है, तो जो खेत की आमदनी बुवाई के पहले तय की गई है, उसकी सरकारी तंत्र द्वारा अदायगी दी जानी चाहिए. हम किसान की माली हालत सुधारेंगे. अगर हम भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाना चाहते हैं, तो यह जरूरी है.

लेकिन यह कांग्रेस की सरकार जो 55 सालों से हुकूमत कर रही है. करप्शन के नए रेकॉर्ड बना रही है
हमारे पीएम जिस चीज पर हाथ रख देते हैं. आलू पर हाथ रखा. गायब हो गया. कोयला खदानों की फाइल पर हाथ रख दिया. फाइल गायब हो गई. ऐसे देश के प्रधानमंत्री हैं. ऐसे ही गांव की रहने वाली बुढ़िया ने, जब उसे जानकारी मिली कि जिस पर हाथ रख देते हैं वह गायब होता है, तो वह पीएम के पास गई. मनमोहन सिंह ने पढ़ा तो समझ आया कि बुढ़िया के कमर में दर्द है. पीएम बोले इसे एक लाख दे दो. उसने मना कर दिया. दो लाख दे दो. फिर मना कर दिया. तो डॉक्टर साहब मनमोहन सिंह ने पूछा कि तुम्हें क्या चाहिए. बुढ़िया ने कहा, मैंने सुना है, आप जिस पर हाथ रख देते हैं. वह गायब हो जाता है. तो मेरी पीठ में बहुत दर्द है. उस पर हाथ रख दीजिए, दर्द चला जाएगा.

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मैं सीबीआई के लोगों से कहना चाहता हूं. आप प्रधानमंत्री से कुछ कहलवा नहीं सकते. वह कुछ बोलेंगे ही नहीं, तो आप पूछेंगे कैसे.

एक युवराज कहते हैं. कि दादी को लोगों ने मार डाला, पिता को मार डाला. अब मुझे भी मार डालेंगे. अरे मैं कहना चाहता हूं कि क्या हो गया है, जनता का दिल नेतृत्व करने वाला शेरे दिल होना चाहिए, नरेंद्र मोदी की तरह होना चाहिए.

आपके पास एसपीजी सुरक्षा है. अगर आपकी जान को खतरा है, तो देश की सेना की बटालियन अपनी सुरक्षा में लगा लो. मगर जनता के सामने रोने की, उसकी भावना का शोषण करने की कोशिश न करो.

मैं आपको यकीन दिलाना चाहता हूं कि बीजेपी समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना चाहती है.बिहार की जनता आप वचन दीजिए कि 40 की 40 सीटें बीजेपी की झोली में जाएंगी. (राजनाथ सिंह का भाषण समाप्‍त)

गौरतलब है कि प्राचीन काल में सत्ता का सिंहासन जिस पाटलिपुत्र यानी पटना में सजता था, आज वहां नए सिरे से सत्ता की सियासत के दो अहम मोहरे अपनी अपनी चालों के साथ आमने सामने हैं. कुछ वक्त पहले तक एनडीए के सबसे स्थायी गठबंधन सहयोगी रहा जनता दल यूनाईटेड उनके नाम पर ऐतराज जताते हुए अलग हो चुका है. ऐसे में यह हुंकार परंपरागत राजनैतिक विरोधी लालू प्रसाद यादव के मुकाबले जेडीयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ ज्यादा है. ये नीतीश कुमार ही थे, जिनकी जिद की वजह से बीजेपी अब तक नरेंद्र मोदी को बिहार में नहीं ला सकी. मगर अब रिश्ते रार में बदल चुके हैं और बिहार बीजेपी मोदी राग के सहारे अपने सुर संवारने की तैयारी में है.

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