सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को यह बताने के लिए कहा कि खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी देने के बाद छोटे कारोबारियों के हितों की रक्षा कैसे की जाएगी. कोर्ट ने 3 सप्ताह के अंदर सरकार से जवाब मांगा है.
मामले की सुनवई के दौरान कोर्ट ने कहा कि निवेश आया भी है या केवल राजनीतिक फायदे के लिए ये फैसला लिया गया है. कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए कोई व्यवस्था बनाई गई है या नहीं. उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए क्या इंतजाम हैं?
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सितंबर 2012 में खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दे थी. हालांकि इसके बाद विपक्ष का जोरदार विरोध उसे झेलना पड़ा और संसद का शीत सत्र इस मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ा.