बीमार होती अर्थव्यवस्था को 'कड़वी दवा' का डोज देने का ऐलान करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार अपने नागरिकों के लिए कुछ कल्याणकारी उपाय करने जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय करीब 50 जरूरी दवाएं मुफ्त मुहैया करने की योजना बना रही है.
एक अंग्रेजी अखबार ने स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के हवाले से खबर दी है कि 50 जेनरिक दवाएं देश की बहुसंख्यक आबादी की करीब 75 फीसदी स्वास्थ्य जरूरतें पूरी करती हैं और सरकार इन्हें फ्री मुहैया कराने पर विचार कर रही है.
निशुल्क दवाएं देने के इस कार्यक्रम को कई चरणों में पूरा किया जाएगा. शुरू में यह योजना देशभर के कुछ चुनिंदा अस्पतालों में लागू होगी. फिर इसे सभी सरकारी अस्पतालों में लागू कर दिया जाएगा. इसका मकसद देश के हर नागरिक को सुस्ती दवा मुहैया कराना है.
एक बार यह योजना पूरे देश में लागू हो जाने पर 50 दवाएं हर किसी को फ्री मिलनी शुरू हो जाएंगी. इनमें दर्द, इंफेक्शन, हाइपरटेंशन, डायबिटीज आदि की दवाएं शामिल हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहने के दौरान हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के 'जरूरी दवाएं फ्री देने के कार्यक्रम' का 'दिल्ली मॉडल' लागू किया था. हर्षवर्धन 1993 से 1998 तक दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे थे. हर्षवर्धन के इस 'दिल्ली मॉडल' को देश के 12 राज्यों में लागू किया गया.