दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कैसे उन्होंने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए बनाई गई छात्रवृत्ति योजनाओं में अप्लाई करने के लिए आधार कार्ड को जरूरी बना दिया है.
कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस मामले में एक याचिका दायर कर कहा गया है कि प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक और मैरिट-कम-मीनस छात्रवृत्ति के लिए अप्लाई करने वालों अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आधार कार्ड बनवाना जरूरी कर दिया गया है, जो कि गलत है.
केंद्र के इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पूछा कि क्यों इस तरह के निर्देश जारी किए गए हैं? कैसे आधार कार्ड को जरूरी बनाया जा सकता है, इसलिए केंद्र सरकार इस मामले में 23 सितम्बर तक अपना जवाब दायर करें. हाई कोर्ट में ये जनहित याचिका पश्चिम बंगाल एक चैरिटेबल ट्रस्ट ने दायर की है.