scorecardresearch
 

हापुड़ में आटा चक्की का बिजली बिल 37 अरब रुपये आने से दुकानदार परेशान

37 अरब, 13 करोड़ 33 लाख 80 हजार 325 रुपये. ये रकम बिजली का बिल है. किसी मुल्क का नहीं, सूबे का नहीं, प्लांट का नहीं. उत्तर प्रदेश के एक गांव में आटा चक्की चलाने वाले आदमी का. कमाल की बात ये है कि ऐसा भयानक और जाहिर तौर पर गलत बिल भेजने के बाद भी कथित उत्तर प्रदेश का बिजली विभाग शिकायत पर ध्यान नहीं दे रहा. हालत ये है कि आटा चक्की चलाने वाले का सोच सोचकर आटा गीला हो रहा है. और तबीयत खराब हो रही है ब्याज में. अब एक चक्कर अस्पताल का लगता है और दूसरा बिजली दफ्तर.

Advertisement
X
symbolic image
symbolic image

37 अरब, 13 करोड़ 33 लाख 80 हजार 325 रुपये. ये रकम बिजली का बिल है. किसी मुल्क का नहीं, सूबे का नहीं, प्लांट का नहीं. उत्तर प्रदेश के एक गांव में आटा चक्की चलाने वाले आदमी का. कमाल की बात ये है कि ऐसा भयानक और जाहिर तौर पर गलत बिल भेजने के बाद भी कथित उत्तर प्रदेश का बिजली विभाग शिकायत पर ध्यान नहीं दे रहा. हालत ये है कि आटा चक्की चलाने वाले का सोच सोचकर आटा गीला हो रहा है. और तबीयत खराब हो रही है ब्याज में. अब एक चक्कर अस्पताल का लगता है और दूसरा बिजली दफ्तर.

हापुड़ के रहने वाले मनीष कुमार ने खुर्जा पेच मे आटा चक्की लगा रखी है. इसके लिए उन्होंने बिजली विभाग से 4 किलोवाट का कर्मशियल कनेक्शन ले रखा है. इसका नंबर पीवी 960303 है. प्रत्येक महीने उनका बिजली का बिल तकरीबन 15 से 16 हजार रूपये तक आता है. लेकिन नवंबर में मनीष का बिजली बिल आया है 37 अरब, 13 करोड 33 लाख 80 हजार 325 रुपये. ये सिर्फ एक महीने का बिल है. इसे देखते ही मनीष के होश घुम्मी करने निकल गए. और ब्लड प्रेशर बिल सा बढ़ने लगा.

परिवार का कहना है कि जब से घर में बिल की बात पता चली है, सभी बिलबिला गए हैं. मनीष की बड़ी बहन अंजू बीमार हो गई हैं. बाकी मेंबरान भी हाई बीपी और टेंशन के शिकार हो गए हैं. उधर मनीष तीमारदारी के अलावा तीन दिन से बिजली दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं.

Advertisement

उधर बिजली विभाग के आलाधिकारी इस बिल की गलती को एक छोटी सी गलती बता रहे हैं. विभाग के मान्यवर कह रहे हैं कि गलती हमारी नहीं है. बिल बनाने वाली कंपनी की है.

Advertisement
Advertisement