रेलवे में घातक दुर्घटनाओं में भले ही पिछले तीन साल में थोड़ी कमी आई हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि रेल का सफर सुरक्षित हो गया है. रेल मंत्री ने राज्यसभा को बताया कि रेलवे में सुरक्षा से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों के 1,42,311 पद खाली पड़े हैं.
यही नहीं गाडिय़ों के आपस में टकराने से रोकने के लिए विकसित की गई एंटी कॉलीजन डिवाइस का आलम यह है कि यह आज तक परीक्षण के स्तर पर ही बनी हुई है.
रेल मंत्री ने बताया कि एंटी कॉलीजन डिवाइस अभी नॉर्थवेस्ट फ्रंटियर रेलवे में 1736 किमी. रूट पर चलाई जा रही है. इसके अलावा दिल्ली से आगरा के बीच ही ऑन बोर्ड ट्रेन प्रोटेक्शन एंड वार्निंग सिस्टम भी पायलट प्रोजेक्ट की तरह चल रहा है.