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...और पाकिस्तान दौरा बीच में छोड़ भारत लौटे गुलजार

मशहूर गीतकार गुलजार बुधवार को अचानक अपना पाकिस्तान दौरा बीच में छोड़कर भारत लौट गए. उनके साथ पाकिस्तान पहुंचे फिल्मकार विशाल भारद्वाज का कहना है कि इस फैसले के पीछे कोई राजनीतिक अथवा सुरक्षा कारण नहीं है.

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गुलजार
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मशहूर गीतकार गुलजार बुधवार को अचानक अपना पाकिस्तान दौरा बीच में छोड़कर भारत लौट गए. उनके साथ पाकिस्तान पहुंचे फिल्मकार विशाल भारद्वाज का कहना है कि इस फैसले के पीछे कोई राजनीतिक अथवा सुरक्षा कारण नहीं है.

इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने पाकिस्तानी मीडिया में आई उन खबरों में खारिज कर दिया कि सुरक्षा कारणों से गुलजार को भारत लौटने की सलाह दी गई थी. भारतीय उच्चायोग के अधिकरियों का कहना है कि निजी दौरे पर पाकिस्तान आए गुलजार के साथ उच्चायोग का कोई व्यक्ति उनके संपर्क में नहीं था.

गुलजार के साथ पाकिस्तान पहुंचे भारद्वाज ने कहा कि पंजाब प्रांत में दीना के निकट कालरा गांव में अपने पूर्वजों के स्थान पर जाकर गुलजार इतना भावुक हो गए कि उन्होंने दौरा बीच में ही छोड़ दिया.

भारद्वाज ने कहा, ‘गुलजार साहब ने अपने संरक्षक और विख्यात शायर अहमद नदीम कासमी की कब्र का दौरा किया. वह 70 साल बाद अपने जन्मस्थान पर गए. वह बहुत भावुक हो गए और लाहौर स्थित अपने होटल में आने के बाद काफी असहज महसूस करने लगे.’

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गुलजार और भारद्वाज पाकिस्तान भारतीय फिल्म ‘डेढ़ इश्किया’ के लिए महर अली और शेर अली के साथ एक कव्वाली रिकार्ड करने वाले थे. परंतु भारद्वाज ने कहा कि रिकार्डिंग रद्द कर दी गई और गुलजार ने भारत लौटने का फैसला किया.

लाहौर के साहित्य के गलियारे में कुछ लोगों का हालांकि दावा है कि भारत में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के मद्देनजर यहां सुरक्षा चिंताओं के कारण गुलजार को भारत लौटने की सलाह दी गई.

भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने और गुलजार ने फिर से पाकिस्तान का दौरा करने की योजना बनाई है तथा यह दौरा गुलजार की तबियत बेहतर होने के बाद होगा. भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने बताया कि गुलजार निजी दौरे पर थे और उच्चायोग का कोई व्यक्ति उनके संपर्क में नहीं था.

गुलजार मंगलवार को भारद्वाज और उनकी पत्नी रेखा भारद्वाज के साथ पाकिस्तान पहुंचे थे. वे कराची साहित्य महोत्सव में शामिल होने वाले थे. गुलजार इस महोत्सव के प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे.

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