प्रथम विश्व युद्ध में बोस्निया के एक सैनिक ने जो खत लिखा वह आखिरकार 95 साल बाद उसके पोते को मिल ही गया.
नादिर विकाकसिक के पास खत लेकर खुद संग्रहकर्ता 63 वर्षीय निहाद एरिक डिनोविक आये.
जो पोस्टकार्ड एरिक ने दिया वह उनके द्वारा संग्रहित 20000 पुराने पोस्टकाडरें में से एक था. वह अक्सर स्थानीय लोगों से पते की पुष्टि करते रहते हैं . इसबार वह साराजेवो में प्राचीन वस्तुओं की एक दुकान पर गये तो संयोग से विकाकसिक से उनकी मुलाकात हो गयी.
पत्र हंगरी में विलानी से भेजा गया था और उस पर हंगरी की मुहर थी. पत्र पर ‘एधेम ‘ के दस्तखत थे और उसे 13 जून 1915 को लिखा गया था. पता था. ‘‘आसिम विकाकसिक (इसे रजिजा को पहुंचाना है) साराजेवो ओल्ड टाउन.