डिफेंस क्षेत्र में फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (एफडीआई) की सीमा को सरकार ने 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी कर दिया है. हालांकि डिफेंस क्षेत्र में बढ़ा हुआ एफडीआई कुछ शर्तों के साथ ही स्वीकार किया जाएगा.
खस्ता हाल अर्थव्यवस्था को संभालने की कोशिश में जुटी यूपीए सरकार ने 13 क्षेत्रों में एफडीआई की सीमा बढ़ा दी है. टेलीकॉम में एफडीआई की सीमा को 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया है.
पेट्रोलियम रिफाइनिंग क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआई अब ऑटोमेटिक रूट के जरिए मान्य होगा, अब तक इसके लिए एफआईपीबी के रास्ते अनुमति दी जाती रही है. गैस रिफाइनरियों, जिंस एक्सचेंज, बिजली व्यापार और शेयर बाजार इन चार क्षेत्रों में एफडीआई के प्रस्तावों को एफआईपीबी के जरिए मंजूरी दी जाएगी.
मंगलवार की शाम को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक की. इस बैठक के बाद कैबिनेट ने एफडीआई पर इस निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी.
गौरतलब है कि रक्षामंत्री एके एंटनी ने वाणिज्य मंत्री के रक्षा क्षेत्र में एफडीआई सीमा मौजूदा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के प्रस्ताव का विरोध किया था. उनका कहना था कि यह एक ‘उल्टा’ कदम साबित होगा क्योंकि इससे एक तरफ जहां विदेशी कंपनियों पर निर्भरता बढ़ेगी वहीं घरेलू रक्षा उद्योग की वृद्धि प्रभावित होगी.