उत्तराखंड के कई हिस्सों में फिर से आसमानी आफत का खतरा मंडरा रहा है. मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है. कुमाऊं और चमोली समेत कई जगहों पर भारी बारिश की आशंका जताई जा रही है. मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार को रुद्रप्रयाग में भी भारी बारिश हो सकती है.
इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के उपाध्यक्ष शशिधर रेड्डी ने कहा कि उत्तराखंड में बाढ़ और भूस्खलन में अब भी करीब 3500 लोग लापता हैं. रेड्डी ने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार लापता लोगों की संख्या केवल 3,500 से 3,700 तक बताई गई है.
एनडीएमए के ताजा आंकड़ों के अनुसार बारिश और बाढ़ से उत्तराखंड के 4,200 गांव प्रभावित हुए हैं और 2,397 घर तथा 194 पुल तबाह हो गये. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अभी तक 580 लोगों की मौत हो चुकी है.
रेड्डी ने कहा कि करीब 150 स्थानीय लोगों ने बद्रीनाथ से निकाले जाने का अनुरोध किया है और मौसम सही होते ही इन लोगों को सुरक्षित निकालने का काम किया जाएगा जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी और कुछ एनजीओ के द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में 11 हजार से अधिक लोगों के लापता होने की आशंका है.
बद्रीनाथ में किसी तरह की महामारी के खतरे की आशंका के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हमारे दलों ने इलाके का सर्वेक्षण किया है और वहां किसी तरह की महामारी का खतरा नहीं है और इलाके को खाली करा लिया गया है.’
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा पहले ही जारी चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिये जाने के आरोपों को खारिज करते हुए रेड्डी ने कहा कि इसरो ने इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी थी और उसके पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है.