जम्मू के निकट नगरोटा आर्मी कैम्प पर दो साल पहले हुए आतंकवादी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. एनआईए ने पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने के आरोप में कुपवाड़ा के 50 वर्षीय सैयद मुनीर अल हसन कादरी को गिरफ्तार किया है.
सात सैन्यकर्मी हुए थे शहीद
सैयद मुनीर अल हसन कादरी पहले से ही किसी अन्य मामले में पुलिस हिरासत में था. एनआईए के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अभियुक्त की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 29 नवंबर 2016 को हुए इस हमले में सात सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे और तीन अन्य घायल हुए थे.
इस दौरान हुई मुठभेड में तीन पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे और उनसे भारी मात्रा में हथियार, गोला बारूद, विस्फोटक सामग्री और कई अन्य वस्तुएं बरामद की गई थीं. कादरी ने जांचकर्ताओं को विभिन्न आतंकवादी मॉड्यूल में अपनी भूमिका के बारे में बताया था, जिसमें नगरोटा हमले में शामिल समूह के बारे में भी जानकारी थी.
एनआईए के एक प्रवक्ता ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि उत्तर कश्मीर के लोलाब के रहने वाले कादरी को 29 नवंबर 2016 को सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था.
एनआईए प्रवक्ता के मुताबकि प्रारंभिक पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि यह हमला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों ने किया था और इसी साजिश पाकिस्तान में ही रची गई थी. अभियुक्त ने कहा कि घाटी में रहने वाले जैश के कुछ अन्य सदस्यों के साथ वह पाकिस्तान में बैठे जैश के आकाओं के संपर्क में था.
प्रवक्ता के अनुसार मुनीर ने बताया कि तीनों आतंकवादी हमले से एक दिन पहले सांबा सेक्टर में घुसे और वह जैश के अन्य सदस्यों के साथ उनसे मिला तथा उन्हें एक होटल में ले गया. इसके बाद उन लोगों ने हमलावरों को नगरोटा शिविर के बाहर छोड़ दिया और घाटी की तरफ चले गए.