रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेल मंत्रालय के कदमों का असर दिखाई देने लगा है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी की रेलवे की सेफ्टी और सिक्योरिटी पर सभी जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों के साथ हुई बैठक में यह बात सामने आई है. यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की गई थी और इसमें रेलवे की सेफ्टी को लेकर समीक्षा की गई.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और रेलवे जोनों के महाप्रबंधकों की बैठक में जो आंकड़े पेश किए गए उनके मुताबिक पिछले 12 महीनों में यानी सितंबर 2017 से लेकर 31 अगस्त 2018 तक भारतीय रेलवे के हादसों में भारी कमी आई है. 12 माह की अवधि के दौरान 75 रेल हादसे हुए हैं इसके उलट 1 सितंबर 2016 से लेकर 31 दिसंबर 2017 के बीच हुए रेल हादसों की संख्या 80 थी.
बड़ी रेल दुर्घटनाओं की बात करें तो रेल हादसों में मरने वालों की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई है. आंकड़ों के मुताबिक 1 सितंबर 2016 से लेकर 31 अगस्त 2017 के बीच रेल हादसों में 249 लोगों की मौत हुई थी. इसके मुकाबले 1 सितंबर 2017 से लेकर 31 अगस्त 2018 के दौरान रेल हादसों में मरने वालों की संख्या महज 40 रही. गंभीर दुर्घटनाओं में चोट ग्रस्त हुए व्यक्ति को की संख्या भी 513 के मुकाबले घटकर 57 ही रही.
महाप्रबंधकों के साथ हुई बैठक में रेलवे बोर्ड चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने रेलवे के कदमों की सराहना की और उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे के लिए सुरक्षा सर्वोपरी है. उन्होंने रेलवे महाप्रबंधकों को इस बात के निर्देश दिए कि इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े अलग-अलग कार्यों के लिए तय समय सीमा के अंदर ही काम पूरा किया जाए. लेकिन इस दौरान रेलवे सेफ्टी को लेकर कोई कोताही न बरती जाए.
लोहानी ने इस बात पर भी जोर दिया कि मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को जल्द से जल्द खत्म करके लक्ष्य को पूरा किया जाए. इस दौरान रेलवे बोर्ड चेयरमैन रेलवे के अधिकारियों को इस बात का आश्वासन दिया कि उन्हें हर तरह की तकनीकी मैटेरियल और फंड से जुड़ी सहायता प्रदान की जाएगी.