आम आदमी पार्टी की सरकार पर अपने वादे पूरे न करने का आरोप लगाते हुए AAP से निष्कासित विधायक विनोद कुमार बिन्नी दिल्ली के उपराज्यपाल से मुलाकात की. इसके बाद वे जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठ गए.
बिन्नी ने विवादों में घिरे कानून मंत्री सोमनाथ भारती के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की. लक्ष्मीनगर के विधायक बिन्नी ने दावा किया कि पार्टी के अन्य असंतुष्ट विधायकों की आवाज दबाने के लिए उन्हें निष्कासित करने का फैसला किया गया.
बिन्नी ने कहा कि उन्होंने उन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की, जिनका हल ‘आप’ सरकार ने नहीं किया.
सोमनाथ भारती के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि कानून अपना काम करेगा. बिन्नी ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि सोमनाथ के खिलाफ अफ्रीकी महिलाओं के मामले में कार्रवाई की जाए. कानून मंत्री ने आधी रात को छापे के दौरान अफ्रीकी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया. उपराज्यपाल ने मुझे आश्वासन दिया है कि कानून सबके लिए समान है और कानून अपना काम करेगा.’
जंतर-मंतर पर AAP सरकार के खिलाफ धरना देने से ठीक पहले बिन्नी ने दावा किया, ‘पार्टी नेतृत्व ने अन्य असंतुष्ट विधायकों की आवाज दबाने के लिए मुझे निष्कासित करने का फैसला किया.’
पार्टी में कुछ और विधायकों के असंतुष्ट होने के बिन्नी के दावे के बारे में पूछने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया, ‘सरकार बचाने के लिए यहां कौन आया है? हम यहां लोगों के लिए काम करने आए हैं.’
दिल्ली सरकार पर महिला आयोग जैसे संवैधानिक निकायों का मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए बिन्नी ने कहा कि ‘आप’ चाहती है कि उसकी सरकार गिर जाए ताकि वह अपने द्वारा किए गए ‘झूठे वादों’ को पूरा करने से बच सकें. उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं उन्हें जाने नहीं दूंगा.’
बिन्नी ने कहा कि AAP से उन्हें कोई पत्र नहीं मिला और अपने निष्कासन के बारे में उन्हें मीडिया से पता चला.
AAP सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, ‘जो पार्टी भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए बनाई गई थी और जो शीला दीक्षित तथा अन्य नेताओं को भ्रष्ट कहती थी, उसने उनके खिलाफ जांच तक नहीं शुरू की.’
बिन्नी ने कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में दिल्ली ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ डाला. AAP ने जो महिला कमांडो बल बनाने का वादा किया था, वह अब तक नहीं बन पाया है. वे लोग बहनों और बेटियों की जान के साथ खेल रहे हैं.’
उन्होंने कहा, AAP सरकार ने ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को स्थायी करने का वादा भी पूरा नहीं किया. ये लोग पिछले कुछ दिन से धरने पर हैं, लेकिन मुख्यमंत्री उनसे नहीं मिले.’
बिन्नी ने कहा कि उन्होंने जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया था. उन्होंने कहा, ‘मैं जनलोकपाल विधेयक पर AAP सरकार का समर्थन करूंगा.’
अब बिन्नी AAP को किस तरह समर्थन देंगे? इस सवाल पर उनका जवाब था, ‘मैं जनता से जुड़े मुद्दों पर उनके साथ हूं. मैं लोगों के कल्याण के लिए काम करता रहूंगा.’ यह पूछे जाने पर कि क्या बिन्नी बीजेपी या कांग्रेस में शामिल होंगे, उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस या बीजेपी में मैं शामिल होने नहीं जा रहा हूं, क्योंकि मैं उनकी राजनीति के खिलाफ हूं.’
केजरीवाल सरकार के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना देने से पहले बिन्नी ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी.
बिन्नी को पार्टी ने बीती रात ही अनुशासन समिति के फैसले के बाद निष्कासित कर दिया था. पार्टी ने एक बयान में कहा था, ‘पार्टी और उसके नेतृत्व के खिलाफ गलत बयान देने और पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की वजह से इस अनुशासन समिति ने विनोद कुमार बिन्नी को निष्कासित करने और पार्टी से उनकी प्राथमिक सदस्यता खत्म करने का फैसला किया.’ दस दिन पहले बिन्नी ने केजरीवाल को ‘तानाशाह’ बताते हुए आरोप लगाया था कि चुनाव में किए गए वादों से पीछे हटकर पार्टी दिल्ली के लोगों को ठग रही है. बिन्नी ने घोषणा की थी कि अगर पार्टी जनता से किए गए वादे 27 जनवरी तक पूरे नहीं कर पाई, तो वे जंतर-मंतर पर धरने पर बैठेंगे.