आम आदमी पार्टी की टिकट पर लक्ष्मीनगर सीट से विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बिन्नी सोमवार से अपनी ही पार्टी के खिलाफ अनशन पर बैठ गए हैं. हालांकि, रविवार रात 'आप' ने बिन्नी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. दिल्ली में पहली बार सरकार बनाने वाली 'आप' के खिलाफ बिन्नी के बगावती सुर पहले भी दिखे. लेकिन, उस वक्त अरविंद केजरीवाल पार्टी के भीतर बगावत की आग पर किसी तरह काबू पाने में कामयाब रहे थे.
39 साल के बिन्नी अनशन पर बैठने से पहले एलजी नजीब जंग से मिले. एलजी से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, 'मैं धरने पर बैठूंगा और दिल्ली के जनता के मुद्दों के लिए लड़ूंगा.
बिन्नी के मुताबिक उन्होंने एलजी से सोमनाथ भारती के मुद्दे पर बात की. महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मसले पर एलजी ने कहा कि कानून सबके लिए सख्त रहेगा. दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से जो कुछ हो रहा है, उस पर कार्रवाई करने का भरोसा एलजी ने दिया है. हालांकि, बिन्नी ने यह भी कहा कि एलजी ने उन्हें जो सलाह दी है, उस बारे में अनशन के मंच से ही खुलासा करेंगे.
कांग्रेस या बीजेपी में से किसी के साथ जाने की खबरों से इनकार करते हुए बिन्नी ने केजरीवाल पर फिर से निशाना साधा. उन्होंने कहा, अरविंद केजरीवाल की प्राथमिकता है कि सरकार न चले क्योंकि वो काम नहीं करना चाहते हैं. मैं उन्हें जिम्मेदारी से भागने नहीं दूंगा.'
केजरीवाल ने बिन्नी को जवाब देते हुए कहा कि इस सरकार ने एक महीने में जितना काम किया उतना किसी सरकार नहीं किया. केजरीवाल ने बिन्नी के आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन्हें सरकार बचाने की राजनीति नहीं करनी है.
पहले कांग्रेस में रहे बिन्नी ने केजरीवाल को तानाशाह कहा था और आरोप लगाया कि पार्टी अपने चुनावी वादों से पीछे हटकर दिल्ली की जनता को धोखा दे रही है. बिन्नी ने कहा कि दिल्ली में 'आप' की सरकार बनने के बाद न तो बिजली बिल माफ हुए हैं, न ही दाम कम हुए हैं. बिन्नी ने ऐलान किया था कि यदि 'आप' 27 जनवरी तक जनता से किए गए वादे पूरे नहीं करती तो वह जंतर-मंतर पर धरना देंगे.
हालांकि, केजरीवाल और पार्टी का कहना है कि बिन्नी लोकसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं.
इससे पहले भी बिन्नी के बगावती तेवर दिखे थे. बताया गया कि बिन्नी दिल्ली सरकार में मंत्री का पद नहीं मिलने से नाराज थे. 'आप' के सीनियर नेता संजय सिंह और कुमार विश्वास बिन्नी को मनाने उनके घर गए थे. हालांकि, बिन्नी का कहना है कि पार्टी उन्हें बिना मांगे मंत्री पद दे रही थी, उन्होंने खुद पद लेने से इनकार किया था.