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सोनिया को फिर से अध्‍यक्ष बनाने की कवायद शुरू

कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी के पुनर्निवाचन की प्रक्रिया शुरू हो गयी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं पार्टी महासचिव राहुल गांधी सहित अनेक प्रमुख नेताओं ने इस शीर्ष पद के लिए उनके नाम का प्रस्ताव किया.

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कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी के पुनर्निवाचन की प्रक्रिया शुरू हो गयी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं पार्टी महासचिव राहुल गांधी सहित अनेक प्रमुख नेताओं ने इस शीर्ष पद के लिए उनके नाम का प्रस्ताव किया.

सोनिया के नाम का प्रस्ताव करने वालों में दिल्ली हरियाणा और राजस्थान के मुख्यमंत्री क्रमश: शीला दीक्षित, भुपेन्द्र सिंह हुडडा और अशोक गहलौत के साथ साथ अनेक प्रमुख नेता और केन्द्रीय मंत्री शामिल हैं.

नामांकन पत्र पार्टी की केन्द्रीय चुनाव आथारिटी के अध्यक्ष आस्कर फर्नाडिस को सौंपे गये. फर्नाडिस इस चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी हैं.

इससे पहले मनमोहन सिंह, प्रणव मुखर्जी और राहुल गांधी ने दस जनपथ में सोनिया गांधी से मुलाकात की और अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी के लिए उनकी स्वीकृति प्राप्त की.

केन्द्रीय मंत्री आर पी एन सिंह ने कहा कि पार्टी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास करती है और कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव उस प्रक्रिया को आगे बढा रहा है.

उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने पार्टी की बागडोर उस वक्त संभाली जब पार्टी ढलान पर थी. उसके बाद से कांग्रेस की यात्रा शानदार है.

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कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज अंतिम दिन है और 63 वर्षीय सोनिया गांधी का इस शीर्ष पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित होना औपचारिता भर रह गया लगता है.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए पिछले सप्ताह अधिसूचना जारी होने के साथ चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई थी. कांग्रेस कार्य समिति द्वारा तय किये गये चुनाव कार्यक्रमों के मुताबिक नामांकन पत्रों की जांच तीन सितम्बर को

होगी और दस सितम्बर को नाम वापस लिये जायेंगे.

अगर जरूरी हुआ तो 17 सितम्बर को मतदान होगा. 21 सितम्बर को मतों की गिनती होगी. यही कार्यक्रम विभिन्न राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव का भी होगा.

अप्रैल 1998 में पार्टी की बागडोर संभालने वाली सोनिया को अब तक सिर्फ एक बार चुनाव का सामना करना पड़ा है जब पार्टी के वरिष्ठ नेता जितेन्द्र प्रसाद उनके खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन प्रसाद को करारी हार का सामना करना पड़ा था.

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