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Exclusive: कांग्रेस में सोशल मीडिया टीम पर कलह, नई रणनीति पर काम जारी!

लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेक की हार के बाद हुड्डा ने आईटी सेल का खर्चा पानी देना भी बंद कर दिया था. जिसके बाद आईटी सेल का खर्च कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा देने लगे.

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कांग्रेस में सोशल मीडिया पर कलह !
कांग्रेस में सोशल मीडिया पर कलह !

सोशल मीडिया की दुनिया में कांग्रेस पार्टी लगातार बीजेपी से पिछड़ती नजर आती है, जिसको लेकर कांग्रेस अब अपनी रणनीति को नए सिरे से बनाने की तैयारी में है. कांग्रेस पार्टी का सोशल मीडिया पर परफार्मेंस का आलम ये है कि कांग्रेस की आधाकारिक वेबसाइट INC India और राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट ट्रेंड नहीं कर पाते है और दीपेंद्र हुड्डा, भूपेंद्र हुड्डा का जन्मदिन ट्रेंड कर जाता है या फिर उनका कोई भाषण. यही कारण है की कांग्रेस में आईटी सेल को लेकर झगड़ा लगातार जारी है, जब हुड्डा सरकार हरियाणा में थी, तभी दीपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस के आईटी सेल का प्रमुख बनाया गया था जिसके बाद राहुल पांडे की आईटी सेल के मुखिया के तौर पर नियुक्ति कर दी गई थी.

लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेक की हार के बाद हुड्डा ने आईटी सेल का खर्चा पानी देना भी बंद कर दिया था. जिसके बाद आईटी सेल का खर्च कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा देने लगे. लेकिन सवाल खड़ा रहा कि आईटी टीम का डेडिकेशन क्या सिर्फ हुड्डा परिवार के साथ है ? जिसको लेकर विवाद बढ़ता रहा, जिसके कारण आईटी प्रमुख राहुल पांडे 10-12 बार इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं.

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पीके और राहुल गांधी से हुई मुलाकात

ऐसे में एक बार फिर राहुल गांधी और कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर से बहस के बाद राहुल पांडे ने इस्तीफे की पेशकश कर दी. प्रशांत किशोर और राहुल पांडे के बीच बहस इसी बात पर हुई की कांग्रेस की नीतियां, राहुल का बर्थडे और राहुल पर हमला करने वालों के खिलाफ कांग्रेस के टिकट आर्मी क्यों बिखर जाती है, लेकिन जब मौका राहुल पांडे के मुखिया दीपेंद्र हुड्डा के जन्मदिन और दीपेंद्र के पिता भूपेंद्र हुड्डा से जुड़े किसी मसले का आता है तब कांग्रेस के सोशल मीडिया की यह आर्मी मजबूती से क्यों नजर आती है सवाल यही है कांग्रेस राहुल गांधी और उसके पलटवार जब सोशल मीडिया में ट्रेंड नहीं कर पाते. ऐसे डिपार्टमेंट की क्या जरूरत पर उससे बड़ा सवाल यह है कि यह डिपार्टमेंट जब किसी व्यक्तिगत मामले को ट्रेंड करा सकता है तो कांग्रेस पार्टी और मीडिया विभाग के दिए हुए मुद्दों पर क्यों पीछे रह जाता है.

                                                                                                  राहुल पांडे

 

कुल मिलाकर अब कांग्रेस पार्टी के बीच सोशल मीडिया की असफलता की जिम्मेदारी फिक्स होगी जिसके तहत अब नई टीम कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. कोशिश यही रहेगी की नई टीम किसी व्यक्ति विशेष की बजाए राहुल गांधी और पार्टी के लिए जोर आजमाइश करें. 10 से 12 बार इस्तीफा देने वाले और तमाम लोगों पर ठंडे गर्म दिखने वाले राहुल पांडे का इस्तीफा इस बार स्वीकार होता है या फिर वाकई उनको निकाल दिया गया है या इस्तीफा देने के लिए कहा गया है, इसके बाद उनकी वापसी परेशानी का सबब दिखती है.

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