खराब स्वास्थ्य का हवाला देने के बावजूद प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बुधवार को 3 घंटे की पूछताछ के बाद शुक्रवार को फिर बुलाया है. सूत्रों के मुताबिक ईडी ने वाड्रा के कथित सहयोगी संजय भंडारी के घूसखोरी मामले में सवाल पूछे गए. ईडी का दावा है कि यूपीए सरकार के दौरान इस घूसखोरी से मिली रकम से लंदन में 120 लाख पाउंड की संपत्ति खरीदी गई थी.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय रॉबर्ट वाड्रा से 4 अलग-अलग दिन 26 घंटे की पूछताछ कर चुका है. पिछले हफ्ते ईडी ने वाड्रा से हिरासत में पूछचाछ के लिए अनुमति मांगी थी क्योंकि वे सहयोग नहीं कर रहे थे. हालांकि कोर्ट ने 2 मार्च तक के लिए वाड्रा की गिरफ्तारी पर अंतरिम राहत देने के साथ-साथ कहा कि जब भी ईडी बुलाएगी तब उन्हें पेश होना होगा. गौरतलब है कि खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए वाड्रा मंगलवार को ईडी द्वारा भेजे गए समन पर पेश नहीं हुए थे.
ईडी के मुताबिक वाड्रा के खिलाफ यह मामला लंदन में संपत्ति खरीद के लिए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से जुड़ा है. यह संपत्ति ब्रायनस्टन स्क्वायर में है और इसकी कीमत 19 लाख पाउंड है. जिसे उन्होंने कथित तौर पर बेनामी के जरिए हासिल किया था. ईडी का दावा है कि उसे लंदन में वाड्रा से संबंधित विभिन्न नई संपत्तियों की जानकारी मिली है. इनमें एक की कीमत 50 लाख पाउंड और के अलावा छह फ्लैट और अन्य संपत्तियां हैं. इनकी कीमत 120 लाख पाउंड है.
ईडी सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम और एक डिफेंस डील के एवज़ में संजय भंडारी के जरिए वाड्रा को लंदन में संपत्तियां दी गईं. हालांकि अब तक वाड्रा लंदन में अपनी किसी संपत्ति के होने से इनकार ही कर रहे हैं. उनका कहना कि यूएई के एनआरआई कारोबारी सी थंपू या आर्म्स डीलर संजय भंडारी से उनके कोई कारोबारी रिश्ते नहीं हैं. इससे पहले वाड्रा से थंपू को लेकर पूछताछ की जा चुकी है थंपू दुबई में रहता है और आरोप है कि लंदन की बेनामी संपत्तियों की खरीद फरोख्त में उसने वाड्रा का न सिर्फ सहयोग किया बल्कि शेल कंपनी के जरिए संपत्ति भी खरीदी.
ईडी के मुताबिक यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोलियम डील मिले 19 लाख पाउंड की घूसखोरी की रकम संजय भंडारी की यूएई स्थित कंपनी को ट्रांसफर की गई. जिससे 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर पर वॉरट्रक्स नाम की कंपनी से संपत्ति खरीदी गई और बाद में वॉरटेक्स के शेयर सी थंपी की स्काईलाइट इंवेस्टमेंट को ट्रांसफर किया गया.