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ED ने पंजाब ड्रग्स मामले में मुख्य जांच अधिकारी का ट्रांसफर किया, सियासत तेज

पंजाब में 6,000 करोड़ रुपये की नशीली चीजों के कारोबार से जुड़े ब्लैकमनी के मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य में अपने मुख्य जांचकर्ता का ट्रांसफर कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, जालंधर में ED के सहायक निदेशक निरंजन सिंह के ट्रांसफर का निर्देश शुक्रवार शाम एजेंसी के मुख्यालय से जारी किया गया.

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पंजाब में 6,000 करोड़ रुपये की नशीली चीजों के कारोबार से जुड़े ब्लैकमनी के मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य में अपने मुख्य जांच अधि‍कारी का ट्रांसफर कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, जालंधर में ED के सहायक निदेशक निरंजन सिंह के कोलकाता ट्रांसफर किए जाने के निर्देश शुक्रवार शाम एजेंसी के मुख्यालय से जारी किये गये.

समझा जाता है कि इस आधार पर उनका ट्रांसफर किया गया कि शारदा और रोज वैली घोटाले जैसे कई महत्वपूर्ण मामले की वहां जांच चल रही है और उनकी सेवाओं का वहां बेहतर इस्तेमाल होगा.

मादक द्रव्य से जुड़े ब्लैकमनी मामले में निरंजन सिंह मुख्य जांच अध‍िकारी थे. वह उस टीम का भी हिस्सा थे, जिसने पंजाब के राजस्व मंत्री विक्रम मजीठिया से उसी मामले में हाल में जालंधर में पूछताछ की थी. अधिकारी राज्य में लंबे समय से ब्लैकमनी और विदेशी विनिमय कानून के उल्लंघनों की जांच करने वाले मुख्य अधिकारी भी थे.

ED से जुड़े सूत्रों ने बताया कि निरंजन सिंह ड्रग के जिस मामले की वह जांच कर रहे हैं, उसमें और उनके ट्रांसफर के बीच कोई लिंक नहीं है. ऐसा महसूस किया गया है कि कोलकाता में उनकी सेवाओं की जरूरत थी और वहां पर क्षेत्रीय प्रभारी ने ईडी मुख्यालय से कुछ अच्छे अधिकारियों को भेजने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा कि निरंजन सिंह को एक अहम काम पर भेजा गया है. उनके अच्छे काम के कारण उन्हें चुनौतीपूर्ण कार्य दिया गया है.

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पिछले साल एक समारोह में अन्य अधिकारियों के साथ उन्हें भी बेस्ट जांच अध‍िकारी का पुरस्कार मिला था और मनी लॉन्ड्र‍िंग और फेमा उल्लंघन मामले में उनका काम उम्दा रहा है.

सूत्रों ने बताया कि निरंजन सिंह के बाद कुछ और अधिकारी कोलकाता भेजे जाएंगे, जबकि जालंधर में उनके स्थान पर दक्षिण भारत के एक जूनियर अधिकारी तैनात किए जाएंगे. ड्रग्स मनी लॉन्ड्र‍िंग मामले में एजेंसी जल्द ही आरोपपत्र दायर करेगी.

नशे के कारोबारियों को बचाने के लिए तबादला: BJP
प्रवर्तन निदेशालय के जालंधर स्थित कार्यालय के सहायक निदेशक निरंजन सिंह के तबादले की आलोचना करते हुए सत्तारूढ़ बीजेपी व विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नशे के कारोबारियों को बचाने के लिए ऐसे समय में यह तबादला किया गया है, जब जांच और संबंधित लोगों से पूछताछ जोरों पर थी.

बीजेपी की वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांता चावला ने कहा, 'प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी निरंजन सिंह का तबादला दुखद है. इससे यह बात साफ हो जाती है कि सरकार की मंशा नशे के कारोबारी को बचाने का है. इसलिए उस अधिकारी का जालंधर कार्यालय से तबादला कर दिया गया है, जिसने ऐसे मामलों को उजागर किया था और जांच चरम पर थी.'

यह पूछने पर कि उनकी पार्टी की सरकार ने ही यह तबादला किया है, चावला ने कहा, 'तबादला हुआ है, यही सचाई है. निश्चित तौर पर पंजाब के लिए यह तबादला दुखद है. किसी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर उस अधिकारी को जालंधर से हटा दिया है, जो सही मायने में पंजाब को बचाना चाह रहा था.'

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उन्होंने कहा, 'मैंने पहले भी कहा है कि पंजाब में नशे के कारोबारियों को बचाने के लिए ही यह कदम उठाया गया है.'

कांग्रेस ने भी की भरपूर आलोचना
ट्रांसफर के मुद्दे की आलोचना हो रही है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इसे पूरी तरह से परेशान करने वाला और अफसोसजनक घटनाक्रम बताया है. तिवारी ने कहा कि वित्त मंत्री को मुद्दे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि पंजाब में अकाली दल और बीजेपी का गठबंधन है.

दूसरी ओर पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने भी चंडीगढ़ में कहा कि यह तबादला पंजाब में ड्रग रैकेट की जांच को प्रभावित करने के लिए किया गया है.

बाजवा ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे प्रवर्तन निदेशालय की जांच को प्रदेश से बाहर भेजे जाने की मांग करूंगा.'

---इनपुट भाषा से

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