शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष और पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने पलटवार करते हुए कहा है कि बीजेपी शासित राज्यों में नशे की खेती होती है. बीजेपी के साथ लगातार बिगड़ते संबंधों के बीच सुखबीर ने पंजाब को नशीले पदार्थ के उत्पादन और उपभोग वाले बड़े राज्य के तौर पर पेश करने की कोशिशों पर भी नाराजगी जाहिर की है. सुखबीर की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है, जब बीजेपी प्रमुख अमित शाह पंजाब में नशा विरोधी अभियान शुरू करने जा रहे हैं.
ड्रग रैकेट मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पंजाब के राजस्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया को समन किए जाने के बाद बीजेपी ने भी शिअद से उनको हटाने की मांग की है. सुखबीर ने जोर दिया कि पंजाब में ड्रग्स का प्रोडक्शन नहीं होता है. ये ड्रग्स या तो सीमा पार से आते हैं या फिर पड़ोसी राज्यों से.
उन्होंने कहा, ‘राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों भाजपा शासित राज्य हैं, जहां नशीले पदार्थों की खेती को मंजूरी दी गई है.’ उन्होंने कहा कि पंजाब ने कई बार देशहित में इन राज्यों से इसकी पैदावार रोकने को कहा है, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया. भारत-पाक सीमा के करीब अमृतसर, गुरदासपुर और फिरोजपुर जिले में ड्रग्स की समस्या पर शिअद के तीन धरनों का हवाला देते हुए सुखबीर ने कहा, 'नशे की समस्या राष्ट्रीय मुद्दा है. असल में हम नशे की समस्या के खिलाफ देश की लड़ाई लड़ रहे हैं.'
सुखबीर बादल ने कहा कि उन्होंने राजस्थान और मध्य प्रदेश में नशीले पदार्थों की खेती का मुद्दा उठाया था. इन दोनों ने अफीम बेचने का लाइसेंस दे रखा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान ने हमें बताया कि उन्हें हर साल इससे 200 करोड़ रुपए की आमदनी होती है तो इस पर हमने यह भी कहा कि पंजाब उन्हें 200 करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई करेगा.
उन्होंने उल्लेख किया कि कुछ राज्य नशीले पदार्थ की वैध बिक्री में लिप्त हैं और अपने एनुअल बजट में आमदनी का जिक्र भी करते हैं, यह दुखद है.
इनपुट-भाषा