भारतीय सेना ने चीन को कड़ी चेतावनी दी है. पूर्वी सेना कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवाने ने कहा है कि हम अब 1962 की सेना नहीं हैं और अगर चीन इतिहास याद करने को कहता है तो हम भी उसे यही कहेंगे.
लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवाने ने कहा कि वो 1962 में हुए युद्ध को सेना पर एक काले निशान के रूप में नहीं देखते हैं. सभी सैन्य इकाइयों ने अच्छी तरह से लड़ाई लड़ी और निर्धारित कामों को पूरा किया.
उन्होंने दावा किया कि डोकलाम विवाद के दौरान भारतीय सेना ने चीन से ज्यादा बार LAC को पार किया. उन्होंने कहा कि अगर चीन ने 100 बार LAC को पार किया तो हमने 200 बार LAC को पार किया.
Head of Eastern Army Command Lieutenant General MM Naravane: It was China which was caught unprepared in the Dokalam standoff. They thought they would get away by being a regional bully, but we stood up to the bully. It shows that we are capable of taking on any threat. pic.twitter.com/trdN3qfFhQ
— ANI (@ANI) August 27, 2019
लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवाने ने कहा कि वो चीन ही था जो डोकलाम विवाद का हिस्सा बना था. लेकिन भारत ने इसका बेहतर तरीके से जवाब दिया. यह दर्शाता है कि हम किसी भी खतरे को उठाने में सक्षम हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने ने कहा कि उन्होंने सोचा कि वे क्षेत्रीय दबंग बनकर निकल जाएंगे, लेकिन हम दादागिरी के सामने डटे रहे. उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल किसी भी दुश्मन का मुकाबला करने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि डोकलाम में गतिरोध के बाद कुछ गतिविधियों की खबरें सुनने में आई थीं. नरवाने ने कहा कि यह खबर भी पूरी तरह गलत नहीं है. दोनों तरफ गतिविधियां रहीं. जो साल भर चलती रही हैं, साल दर साल चलती रही हैं. उन्होंने दो नई बैरक बनाई हैं, हमने भी दो नई बैरक बनाई हैं.
बता दें कि डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच साल 2017 में दो महीनों से ज्यादा वक्त तक तनातनी चलती रही थी. डोकलाम क्षेत्र सिक्किम के पास भारत-चीन-भूटान ट्राइजंक्शन पर स्थित है. यह इलाका भूटान की सीमा में पड़ता है, लेकिन चीन इसे डोंगलोंग प्रांत बताते हुए अपना दावा करता है.