चीन ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर गोलाबारी को लेकर कश्मीर में बीच बचाव करने के प्रस्ताव की बात भी कह दी. ये चीन का अपनी बात मनवाने और दबाव डालने का एक खास डिज़ाइन है, जिसे भारत ने अपने सख्त स्टैंड से अब तक ध्वस्त किया है.
चीन कह रहा है कि भारत ने घुसपैठ की है, सैनिक हटाए बिना कोई बातचीत नहीं होगी.
भारत का कहना है कि उसका रुख साफ है, कूटनीति से ही रास्ता निकला जा सकता है.
चीन इस बात पर अड़ा है कि डोकलाम उसका इलाका है, भारत के सैनिक यहां से जाएं.
भारत का पक्ष ये है कि डोकलाम भूटान की ज़मीन है, भूटान के कहने पर उसने सैनिक भेजे.
चीन का कहना है कि भूटान के बहाने भारत डोकलाम में घुसा है.
भारत का पक्ष ये है कि भूटान के साथ उसकी रक्षा संधि है.
चीन का कहना है कि भूटान पर भारत का दबाव है, भूटान वही कर रहा है जो भारत कह रहा है.
भारत का पक्ष है कि सीमा विवाद पर 28 बार भूटान की चीन से स्वतंत्र रूप से बातचीत हुई है. अगर भारत का दबाव होता तो ऐसा क्यों होता.
चीन कह रहा है कि भूटान के नाम पर डोकलाम में जो भारत कर रहा है, वहीं पाकिस्तान के नाम पर चीन ने कश्मीर में कर सकता है.
भारत का पक्ष है कि कश्मीर के पांचवें हिस्से पर चीन ने पहले से कब्ज़ा कर रखा है, पीओके में चीन के सैनिक पहले से मौजूद हैं.
चीन कह रहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर तनाव में वो मध्यस्थता कर सकता है.
भारत का पक्ष है कि कश्मीर में तीसरे देश का कोई काम नहीं, मुद्दा भी पाकिस्तान के साथ सीमा पार आतंकवाद का ह