आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी की ओर से संघ का सुझाव खारिज किए जाने के बाद संघ ने भी अपना रुख साफ कर दिया है. RSS ने मोहन भागवत के बयान पर सफाई देकर मामला संभालने की कोशिश की है. बाकायदा विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मौजूदा आरक्षण नीति पर कोई सवाल नहीं उठाया.
दरअसल, भागवत ने अपने मुखपत्र ऑर्गेनाइजर को दिए इंटरव्यू में आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव की वकालत की थी. इस पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बीजेपी आरक्षण नीति पर पुनर्विचार के पक्ष में नहीं है. पिछड़ों और दलितों को आरक्षण जारी रहेगा.
ऐसे उठा विवाद
गुजरात में हार्दिक पटेल के पटेलों के लिए आरक्षण की मांग से इस पर नए सिरे से बहस शुरू हुई. इस बीच, मोहन भागवत ने इंटरव्यू में एक समिति बनाने का सुझाव दिया. सुझाव था कि यह समिति तय करेगी कि कितने लोगों को, कितने दिन तक आरक्षण की जरूरत होनी चाहिए.
लालू ने दे डाली खुली चुनौती
भागवत के बयान पर आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने कहा कि बीजेपी और संघ पर आरक्षण खत्म करने का माहौल बना रहे हैं. फिर मोदी सरकार को खुली चुनौती भी दे डाली. बोले- माई का दूध पिया है तो आरक्षण खत्म करके दिखाओ? पता लग जाएगा किसकी कितनी ताकत है.
तुम आरक्षण खत्म करने की कहते हो,हम इसे आबादी के अनुपात में बढ़ायेंगे.माई का दूध पिया है तो खत्म करके दिखाओ?किसकी कितनी ताकत है पता लग जायेगा
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 21, 2015