महाराष्ट्र में सरकारी महकमे में अफसरों की लापरवाही का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जुलाई 2013 में एक सड़क हादसे में मारे गए एक आबकारी सब-इंस्पेक्टर का इस महीने की शुरूआत में कोल्हापुर से नासिक तबादला कर दिया गया. अब मामला सामने आने पर महाराष्ट्र सरकार ने आबकारी अधीक्षक के कार्यालय के एक क्लर्क का तबादला कर दिया है.
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सात जुलाई को आबकारी सब-इंस्पेक्टर संदीप सबाले का तबादला कोल्हापुर जिले की दौलत सहकारी चीनी कारखाने से नासिक के सतना में एक आबकारी उड़न दस्ते में कर दिया गया. सबाले के साथ-साथ 181 अन्य सब-इंस्पेक्टरों का तबादला किया गया था. बयान के मुताबिक, तबादला आदेश इसलिए जारी कर दिया गया क्योंकि कोल्हापुर के आबकारी अधीक्षक के दफ्तर ने सबाले के निधन के बारे में कोई रिपोर्ट ही दाखिल नहीं की थी.
सीएमओ से जारी बयान में कहा गया, इसके लिए जिम्मेदार आबकारी अधीक्षक के कार्यालय के एक क्लर्क को निलंबित कर दिया गया है, और अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर इस भूल पर सफाई देने को कहा गया है. कांग्रेस नेता नारायण राणे ने कल विधान परिषद में इस मुद्दे को उठाया था. राणे ने आरोप लगाया, फडणवीस और पूरा मुख्यमंत्री कार्यालय इसके लिए जिम्मेदार है और यह कोई अलग तरह का मामला नहीं है.....पिछले दो हफ्ते में किए गए 220 से ज्यादा लोगों के तबादलों और तरक्कियों में भारी अनियमितता हुई है.