मौसम थोड़ा साफ होने और महामारी का खतरा बढ़ने के बाद बुधवार को केदारनाथ में बाढ़ और बारिश की चपेट में आकर मारे गए लोगों के शवों का सामूहिक दाह-संस्कार शुरू किया गया. हालांकि, विपदा के 11 दिन बाद भी 3,500 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाना अभी बाकी है.
बारिश और धुंध के बावजूद बुधवार को बद्रीनाथ तथा हर्षिल से वायु एवं सड़क मार्ग के जरिए 1,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया.
भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर के मंगलवार को हादसे का शिकार हो जाने के बाद राहत और बचाव के काम में लगे अपने जवानों की हौसला अफजाई के लिए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एन ए के ब्राउन भी बुधवार को उत्तराखंड में थे. ब्राउन ने कहा कि बचाव अभियान जारी रहेगा और उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में यह मिशन पूरा कर लिया जाएगा.
आईएएस अधिकारी रविनाथ रमण ने गुप्तकाशी से बताया, ‘खराब मौसम की वजह से पिछले दो दिनों से टल रहे शवों के दाह-संस्कार का काम बुधवार को केदारनाथ में आखिरकार शुरू कर दिया गया.’ गौरतलब है कि केदारनाथ इस त्रासदी में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. हालांकि, इस बात का पता नहीं चल सका कि बुधवार को कितने शवों का दाह-संस्कार किया गया.
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) उत्तरकाशी से 30 किलोमीटर आगे तक सड़क खोलने में सक्षम हो गया है. बहरहाल, सोन प्रयाग में एक नियोजित पुल को शुरू नहीं किया जा सका क्योंकि बारिश के चलते नदी में पानी का बहाव बहुत तेज हो गया है. निकट ही एक और पुल बनाया जा रहा है. गुरुवार सुबह तक उसके चालू होने की उम्मीद है.
एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि बारिश और बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गए बीएसएनएल के 287 संचार टावरों में से अब सिर्फ तीन ही निष्क्रिय बचे हैं. बाकी सभी की मरम्मत की जा चुकी है. निजी दूरसंचार ऑपरेटरों ने भी आपातकालीन नंबर शुरू किया है जिसमें यह जानकारी दी जा रही है कि क्षेत्र में उपयोक्ता का आखिरी सक्रिय स्थल कौन सा था.
इस बीच, खराब मौसम के बावजूद, भारतीय वायुसेना ने 636 लोगों को निकालने के लिए 64 उड़ानें भरीं. आईटीबीपी ने बुधवार को 400 लोगों को निकाला. अब तक, आईटीबीपी बचाव दल ने पूरे प्रभावित क्षेत्र से 30,816 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला.
उत्तराखंड राहत अभियान: सेना ने वेबसाइट शुरू की
उत्तराखंड में फंसे लोगों के परिजनों को मदद मुहैया कराने की पहल के तहत सेना की मध्य कमान ने बुधवार को एक वेबसाइट शुरू की जिसमें विभिन्न इलाकों में फंसे लोगों के संबंध में क्षेत्रवार आंकड़े, सहायता नंबर और बचाए गए लोगों की सूची आदि ब्यौरा दिया गया है.
‘http://suryahopes.in/’ नामक साइट पर उत्तराखंड में सेना द्वारा चलाए जा रहे राहत और बचाव अभियान का मिनट दर मिनट ब्यौरा दिया जा रहा है, फंसे लोगों की क्षेत्रवार जानकारी दी जा रही है, बचाए गए लोगों की सूची, सहायता नंबर, बाढ़ पीड़ितों के बारे में ताजा समाचार तथा बाढ़ प्रभावित लोगों के संबंध में जानकारी देने वाली गूगल साइटों की जानकारी दी गयी है. इन आंकड़ों को indianarmy.gov.in पर भी डाला जा रहा है.
हेलीकॉप्टर हादसा: पीएम ने वायुसेना कर्मियों की मौत पर संवेदना प्रकट की
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उत्तराखंड में राहत एवं बचाव कार्य के दौरान हुए हेलीकॉप्टर हादसे में वायुसेना कर्मियों की मौत पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है.
प्रधानमंत्री ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एन ए के ब्राउन से बात की और उन वायुसेना कर्मियों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई है जिन्होंने उत्तराखंड में राहत एवं बचाव अभियान के दौरान अपना जीवन गंवा दिया. प्रधानमंत्री ने वायुसेना और इस त्रासदी से बाहर आने तथा उत्तराखंड में काम को जारी रखने की उसकी क्षमता में विश्वास प्रकट किया.