दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता शशि थरूर को 1 जुलाई से 2 जुलाई तक विदेश जाने की इजाजत दे दी है. सुनंदा पुष्कर मौत मामले में अभी उनकी विदेश यात्राओं पर प्रतिबंध है. उन्होंने दिल्ली रॉज एवेन्यू कोर्ट में याचिका देकर विदेश जाने की अनुमति मांगी थी जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया.
इससे पहले 30 अप्रैल को भी थरूर ने याचिका डाली थी जब उन्हें अमेरिका किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाना था. कोर्ट ने उन्हें इजाजत दे दी थी. पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में फैसला लंबित रहने तक उनके विदेश जाने पर रोक लगा दी गई थी. कोर्ट ने साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने या मामले के गवाहों को प्रभावित नहीं करने के लिए भी थरूर से कहा है.
थरूर को तीन जुलाई, 2018 को इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वह इजाजत लिए बिना देश से बाहर नहीं जाएंगे. उस साल 14 मई को पुलिस ने थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की अलग अलग धाराओं के तहत आरोप तय किया था, जिसमें पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने और उसके साथ क्रूर व्यवहार करने का आरोप शामिल है. सुनंदा की 17 जनवरी, 2014 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी.
Sunanda Pushkar death case: Delhi's Rouse Avenue Court allows the application of Congress leader Shashi Tharoor seeking to travel abroad from June 1 to July 2.
— ANI (@ANI) May 29, 2019
इससे पहले 24 मई को सुनंदा पुष्कर मौत मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की दिल्ली पुलिस की सतर्कता रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लाने की मांग वाली याचिका को दिल्ली की एक अदालत ने खारिज कर दिया. विशेष जज अरुण भारद्वाज ने कहा कि स्वामी के पास आवेदन दायर करने के लिए कोई ठोस वजह नहीं है और मामले में सबूतों से कथित छेड़छाड़ पर सतर्कता रिपोर्ट दर्ज करने की मांग करने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया.
जज ने कहा, "कोर्ट की राय में आवेदक को यह अधिकार नहीं है कि वह इस बात की संतुष्टि के लिए सतर्कता जांच की रिपोर्ट का जांच के लिए आवेदन दाखिल करे कि क्या रिपोर्ट में देखी गई छोटी-छोटी टिप्पणियों को चार्जशीट की तैयारी और दाखिल करने से पहले माना गया था या नहीं." अदालत ने यह भी देखा कि आरोपियों के खिलाफ पहले ही संज्ञान लिया जा चुका है.