मुसलमानों के मुद्दे पर देश में अपनी मुखर आवाज रखने ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी अक्सर चर्चा में रहते हैं. नोटबंदी से लेकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुई मॉब लिंचिंग पर ओवैसी ने संसद से लेकर जनसभाओं तक केंद्र की मोदी सरकार को घेरते नजर आते हैं. देश में छाए कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच असदुद्दीन ओवैसी न तो टीवी पर चर्चा करते नजर आ रहे हैं और न ही अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि ओवैसी कहां और क्या कर रहे हैं?
तेलंगाना में कोरोना वायरस की सबसे ज्यादा चेपट में ओवैसी का संसदीय क्षेत्र हैदराबाद है. यहां 827 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से 23 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, 300 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं. इसके बावजूद 504 कोरोना पॉजिटिव केस अभी भी हैं. ऐसे में देश में लॉकडाउन और संसद सत्र स्थागित होने से पहले ही करीब 17 मार्च को असदुद्दीन ओवैसी दिल्ली से हैदराबाद पहुंच गए थे.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...
असदुद्दीन ओवैसी करीब पिछले दो महीने से हैदराबाद में है. इस दौरान ओवैसी टीवी चर्चा से जरूर दूर हैं, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए केंद्र सरकार पर सवाल खड़े करने से पीछे नहीं है. हालांकि, ओवैसी सबसे अहम काम गरीब और मजदूरों की मदद पहुंचाने का कर रहे हैं. ओवैसी ने हैदराबाद से अपनी पार्टी के AIMIM के सभी विधायकों और पार्षदों की एक टीम गठित की है, जो लोगों के बीच काम कर रही है.
असदुद्दीन ओवैसी राशन किट विचरित करते हुए
असदुद्दीन ओवैसी के पीआरओ तौसीफ अहमद ने aajtak.in से बातचीत करते हुए दावा किया है कि लॉकडाउन लगने के बाद से अभी तक हैदराबाद के इलाके के करीब सवा दो लाख लोगों को औवैसी की ओर से राशन किट वितरित की जा चुकी है. AIMIM की ओर से दी जा रही किट में 10 किलो चावल, पांच किलो आटा, तीन तरह की दाल, दो लीटर ऑयल, नमक, चीनी, चाय की पत्ती और ट्रेटा पैक वाले दूध दिए जा रहे हैं.
ओवैसी ने इसके लिए हैदराबाद के फलकनुमा इलाके में एक बड़ा मैरिजहॉल ले रखा है, जहां से राशन वितरण का काम किया जा रहा है. इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी खुद भी हैदराबाद की गलियों में घूम-घूम कर लोगों को राशन किट सहित मदद करने में जुटे हैं. ओवैसी ने अपनी पार्टी के 20 से 25 कार्यकर्ताओं की एक टीम बनाई है, जो जरूरतमंदों के बीच जाकर काम कर रही है.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
तौसीफ बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद से ओवैसी खुद फोन उठाते हैं और सीधे तौर लोगों मदद कर रहे हैं. औवैसी की और से दावा किया जा रहा है कि उन्होंने 200 पीपीपी किट हैदराबाद इलाके में काम करने वाली आशा वर्कर और आंगनवाड़ी में काम करने वालों को दिए गए हैं, जो घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करने का काम कर रही हैं. ऐसे ही 3000 मिनी पीपीपी किट भी दिए गए हैं, जिनमें मॉस्क, हैंड ग्लब्स, सैनिटाइजर शामिल हैं. इसके अलावा हैदराबाद पुलिस को भी 35 पीपीपी मिनी किट दी गई हैं, जिनमें 10 मॉस्क, 10 हैंड ग्लब्स और आधा लीटर की सैनिटाइजर शामिल है.
रमजान महीना शुरू होने से पहले ओवैसी सारा कामकाज पार्टी कार्यलय से देख रहे थे, लेकिन अब वो अपने घर से कोऑर्डिनेट कर रहे हैं. हैदराबाद में तबलीगी जमात के जिन लोगों ने क्वारनटीन की अवधि पूरी कर ली है, उन सभी लोगों को अपनी ओर से बस करके उनके घर तक पहुंचाने का काम किया है. ऐसे ही अजमेर दरगाह में फंसे हुए हैदराबाद के लोगों को बस के जरिए वापस लाने का काम भी किया. ऐसे में दावा किया गया है कि हैदराबाद के जो लोग तेलंगाना के दूसरे जिले और इलाके में फंसे थे उन्हें भी प्रशासन की मदद से घर तक पहुंचाने का काम किया गया है.