दुनिया के लिए सरदर्द बन चुके कोरोना वायरस से दुनिया के 175 देश प्रभावित हैं. छह लाख से अधिक लोग खतरनाक वायरस से संक्रमित हैं. अकेले अमेरिका में एक लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं. वहीं, भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या एक हजार के करीब पहुंच चुकी है. दुनिया भर के वैज्ञानिक और डॉक्टर इस वायरस की दवा खोजने में जुटे हैं.
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कर्नाटक के एक डॉक्टर ने कोरोना की दवा बनाने का दावा किया है, वहीं अब हैदराबाद यूनिवर्सिटी में जैव रसायन विभाग के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज की संकाय सदस्य डॉक्टर सीमा मिश्रा ने कोरोना का टीका बनाने का दावा किया है. यूनिवर्सिटी की ओर से विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी गई है. दावे के मुताबिक एक टीके की खोज में लगभग 15 साल तक का समय लग जाता है, लेकिन शक्तिशाली कम्प्यूटेशनल टूल की सहायता से महज 10 दिन में ही इसका डिजाइन तैयार किया गया.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...Research on potential vaccine against all the structural and non-structural proteins of novel coronavirus-2 (2019-nCoV) for experimental testing at @HydUniv
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— Univ of Hyderabad (@HydUniv) March 27, 2020
टी सेल एपिटोप्स नामक यह टीका मानव कोशिका पर कोई विपरीत प्रभाव डाले बिना कोरोना वायरस के सभी संरचनात्मक और गैर संरचनात्मक प्रोटीन रोकने में सक्षम बताया जा रहा है. दावा यह भी किया गया है कि इम्यूनोइंफॉर्मेटिक्स का उपयोग करते हुए तैयार किया गया यह टीका कोरोनावायरस पेप्टाइड्स को नुकसान पहुंचाने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगा. इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि पूरी आबादी को लगाया जा सके.
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यूनिवर्सिटी की ओर से इस तरह का पहला अध्ययन बताते हुए यह भी कहा गया है कि टीका को लेकर यह परिणाम अंतिम नहीं हैं. इन्हें प्रयोगात्मक कसौटी पर परखने के लिए प्रसारित किया गया है. इस संबंध में डॉक्टर सीमा मिश्रा ने कहा कि अभी कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) है.
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उन्होंने कहा कि टीका तैयार होने में अभी कुछ समय लगेगा. साथ ही उम्मीद जताई कि कम्प्यूटेशनल निष्कर्ष तेजी से प्रायोगिक परीक्षणों के लिए प्रभावी साबित होंगे. बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की बढ़ती तादाद को देखते हुए सरकार ने 21 दिन का लॉकडाउन किया है.