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केंद्र सरकार की वो 5 योजनाएं जिसके जरिए कोरोना संकट में की जा रही लोगों की मदद

कोरोना संकट की घड़ी में केंद्र की पांच योजनाएं गरीबों की मददगार साबित हुई हैं. मोदी सरकार ने गरीब कल्याण पैकेज के तहत गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न के साथ महिलाओं, बुजुर्गों और किसानों को नकद भुगतान कर आर्थिक मदद पहुंचाई है. इसके अलावा मनरेगा के तहत घर वापसी करने वाले श्रमिकों को भी रोजगार मिलना शुरू हो गया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-PTI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-PTI)

  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज से गरीबों की मदद
  • जनधन के तहत महिलाओं के खाते में भेजे गए पैसे
  • मजदूरों के लिए रोज-रोटी का सहारा बनी मनरेगा

कोरोना संकट महामारी से निपटने के लिए देश भर में किए लॉकडाउन के चलते सारे कारोबार और उद्योग धंधे पूरी तरह से ठप हैं. दिहाड़ी मजदूरों के सामने अजीविका का संकट खड़ा है तो गरीबों के लिए अपना और अपने परिवार के लिए दो जून ही रोटी जुटाना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसी मुश्किल घड़ी में केंद्र की पांच योजनाएं गरीबों की मददगार साबित हुई हैं. मोदी सरकार ने 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज' के तहत गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न के साथ महिलाओं, बुजुर्गों और किसानों को नकद भुगतान कर आर्थिक मदद पहुंचाई है.

जनधन खाता: 3 महीने 500-500 रुपये की मदद

कोरोना संक्रमण के संकट में गरीबों के लिए जनधन बैंक खाता मददगार बना है. लॉकडाउन के दौरान गरीबों को अपना घर चलाने में आर्थिक परेशानी नहीं हो, इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत महिलाओं के जनधन खातों में 500-500 रुपये की किश्त भेजनी शुरू कर दी है. सरकार ने तीन महीने अप्रैल, मई और जून तक 20 करोड़ महिलाओं को यह सहायता देने का फैसला किया है. इसके अलावा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत 2.82 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों को 1,405 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई.

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केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने आजतक के ई-एजेंडा कार्यक्रम में बताया कि हमने 10 हजार 200 करोड़ रुपये बहनों के अकाउंट में भेजे हैं. देश की 20.05 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खाते में 500 रुपये की पहली किस्त के तौर पर 10,025 करोड़ रुपए भेजे गए. इसमें से करीब 8.72 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों ने खातों से निकासी भी की. वहीं 5.57 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खाते में दूसरी किस्त के तौर पर कुल 2,785 करोड़ रुपए भेजे गए.

खाद्य सुरक्षा के तहत अनाज

लॉकडाउन में खाद्य सुरक्षा योजना गरीबों की लिए काफी बड़ा सहारा बनी है. इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा सभी राशन कार्ड धारकों को 3 माह तक मौजूदा राशन के मुकाबले 2 गुना राशन देने का ऐलान किया था. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आजतक के ई-एजेंडा कार्यक्रम में कहा कि हम फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत दो रुपये किलो गेंहूं और तीन रुपये किलो चावल प्रति व्यक्ति पांच किलो दे रहे हैं. कोरोना काल में जो अतरिक्त अनाज दिया जा रहा है मोदी सरकार ने उसे तीन महीने के लिए फ्री कर दिया.

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पासवान ने बताया कि देश में 81 करोड़ लाभार्थी हैं तो इसके ऊपर कुल मिलाकर 46 हजार करोड़ रुपया खर्च हुआ. गेंहू-चावल के अलावा दाल दी जा रही है. बता दें कि 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 67.65 लाख टन खाद्यान्न उठाया है.

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पीएम किसान सम्मान निधि योजना

कोरोना संकट में किसानों के खाते में सरकार ने पैसे भेजने का काम किया है, जो पीएम किसान सम्मान निधि के तहत दी गई है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने आजतक के ई-एजेंडा कार्यक्रममें बताया था कि पीएम किसान योजना के तहत 71 हजार करोड़ रुपया 9 करोड़ 34 लाख किसानों को दिया है. पीएम किसान सम्मान निधि के तहते किसानों के खातों में सीधे 2,000 रुपये की आर्थिक मदद पहुंचायी गई है. इस योजना में छोटे किसानों के खाते में हर साल 3 किस्तों में 6000 रुपए की राशि जमा की जाती है. इसके अलावा करीब 3 करोड़ किसानों ने अपने कर्ज पर 3 महीने के मोरेटोरियम का फायदा भी दिया गया.

मनरेगा रोजगार सृजन में मददगार

लॉकडाउन के दौरान 'मनरेगा' योजना ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों के लिए रोजी रोटी का सहारा बनी है. इसके अलावा लॉकडाउन के चलते घर वापसी करने वाले मजदूरों के लिए भी लाइफलाइन बन रही है. कोरोना संकट के चलते केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दिया है, जिसे एक अप्रैल से लागू भी कर दिया गया है. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 33,300 करोड़ रुपये की राशि मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृत की है. इसमें से 20,225 करोड़ रुपये की राशि पूर्व वर्षों की मजदूरी का बकाया देने का लिए जारी की है.

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उज्जवला योजना के जरिए फ्री गैस

लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को भी शामिल किया है. मोदी सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत आने वाले लोगों को तीन महीने तक मुफ्त रसोई गैस देनी शुरू कर दी है. सरकार ने प्रति लाभार्थियों के खाते में घरेलू गैस सिलेंडर के लिए 753 रुपए भेजे हैं. इस पैसे से नकद भुगतान कर सिलेंडर ले सकते हैं. उज्ज्वला स्कीम के तहत 14.2 किलोग्राम वाले 3 सिलेंडर ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में दिए जाएंगे. केंद्र सरकार ने मुफ्त गैस के लिए गरीबों के लिए 4.82 करोड़ रुपये वितरित किए हैं.

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