भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विपक्ष के भारी विरोध का सामना कर रही सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि वह इस बारे में विपक्ष के लाए गए कुछ संशोधनों को सरकारी संशोधनों के रूप में अपना सकती है. उसने कहा कि वह किसानों के हक में कुछ संशोधन करने को तैयार है. विपक्ष ने बिल में 52 संशोधन के सुझाव दिए हैं. हालांकि उम्मीद है कि बिल में 7-8 बदलाव लाए जा सकते हैं .
लोकसभा में भूमि अर्जन, पुनर्वासन और विस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिकार (संशोधन) विधेयक 2015 पर शुरू हुई चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा, 'सरकार कुछ संशोधनों के लिए तैयार है जो राज्यों और समुदायों के हित में हों.'
उन्होंने कहा, 'विपक्ष की ओर से इस विधेयक पर 52 संशोधन आए हैं और सरकार उन पर गौर करेगी. जो भी अच्छे सुझाव होंगे, उम्मीद है कि मंत्री उन्हें ध्यान में रखकर उचित संशोधन लाएंगे. डेढ़ दो साल पहले विपक्ष में रहते हुए यूपीए सरकार की ओर से लाए गए भूमि अधिग्रहण विधेयक का समर्थन करने के बाद अब सरकार में आने पर दूसरा विधेयक लाए जाने की आलोचनाओं का जवाब देते हुए नायडू ने कहा कि खुद कांग्रेस और विपक्ष के बाकी दलों के शासित राज्यों और उनके मुख्यमंत्रियों ने नया भूमि अधिग्रहण विधेयक लाने की जोरदार मांग की थी.
उन्होंने कहा कि यूपीए शासन के समय ही कांग्रेस शासित कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने ही नहीं बल्कि तत्कालीन केंद्रीय मंत्रियों ने भी उस समय के भूमि अधिग्रहण विधेयक में खामियां बताते हुए उसे विकास के मार्ग में बाधक बताया था. इस संदर्भ में उन्होंने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान और केंद्र में तत्कालीन वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा की ओर से संबंधित मंत्रियों को लिखी गयी चिट्ठियों का हवाला दिया.
नायडू ने कहा, 'हाइवे, नई रेल लाइनों, नई बिजली लाइनों, नए बंदरगाहों, तालाब और सिंचाई के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि इन चीजों से देश का विकास होगा और आम आदमी को फायदा होगा. इसी को ध्यान में रखते हुए एनडीए सरकार यह विधेयक लाई है.'
भाषा से इनपुट