लोकसभा चुनाव में मिली करारी मात के बाद लगता है कि कांग्रेस हौसला भी हार गई है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तमाम मान-मनौव्वल के बाद भी अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस लेने के मूड में नहीं है. राहुल के इस्तीफा दिए हुए करीब डेढ़ महीने होने जा रहा है, लेकिन अभी तक उनके विकल्प की तलाश पूरी नहीं हो सकी है. यही वजह है कि राहुल ने बुधवार को साफ कर दिया है कि पार्टी में जल्द से जल्द अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना चाहिए, वह अब इस पद पर नहीं हैं. नए अध्यक्ष के लिए एक महीने की डेड लाइन भी तय कर दी है.
जबकि, नरेंद्र मोदी और अमित शाह की अगुवाई में बीजेपी ने पहले से बड़ी जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी की है. शाह के केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद जेपी नड्डा को बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया है. इस तरह से बीजेपी के पास अब दो-दो अध्यक्ष हो गए हैं और कांग्रेस पिछले डेढ़ महीने से अध्यक्ष विहीन है.
बता दें कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए डेढ़ महीने हो गए हैं. कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने राहुल को पद पर बने रहने और इस्तीफा वापस लेने के लिए कई बार मनाया, लेकिन वह अपने फैसले पर पूरी तरह से कायम हैं.
कांग्रेस वर्किंग कमेटी सीडब्ल्यूसी की कई बैठकें होने के बाद भी राहुल की जगह अध्यक्ष पद के लिए किसी दूसरे नेता की तलाश पूरी नहीं हो सकी है. जबकि कांग्रेस के सुशील कुमार शिंदे, अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी समेत तमाम नाम चर्चा में आए थे, लेकिन किसी पर अभी मुहर नहीं लग सकी है.
जबकि लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के साथ दूसरी बार सत्ता में आने के बाद ही बीजेपी ने अध्यक्ष का फैसला कर लिया है. यह निर्णय पार्टी ने तब लिया था अमित शाह को मोदी सरकार में केंद्रीय गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी. ऐसे में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष का पद किसी अन्य व्यक्ति को दिए जाने की बात कही थी. इसके बाद ही बीजेपी के संसदीय बोर्ड की बैठक में जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर मुहर लगी.
हालांकि अमित शाह ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि अमित शाह अगले 6 महीने तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे. अमित शाह के साथ मिलकर ही जेपी नड्डा पार्टी का काम काज देखेंगे. इस तरह से बीजेपी के पास दो अध्यक्ष तो वहीं कांग्रेस अध्यक्ष विहीन नजर आ रही है.