कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को दिल्ली में प्रदूषण को लेकर छिड़ी बहस के बीच यहां के हवा की गुणवत्ता पर चिंता जाहिर की और कहा कि कांग्रेस सरकार ने ही इस समस्या का समाधान करने के लिए CNG संचालित सार्वजनिक परिवहन की शुरुआत की थी.
सोनिया ने अपने संबोधन में कहा, 'इंदिरा गांधी एक प्रतिबद्ध राजनीतिक व्यक्तित्व थीं, साथ ही वो विविध हितों को ध्यान में रखती थीं. राष्ट्र-निर्माण में उनका योगदान अच्छी तरह से प्रलेखित है.'
एक कार्यक्रम के दौरान सोनिया गांधी ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'हम, जिस राजधानी में रहते हैं वो दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित शहर के रूप में कुख्यात है , लेकिन जब सार्वजनिक परिवहन के लिए सीएनजी को लागू किया गया था, तब हवा की गुणवत्ता में आए अंतर को याद कर सकते हैं. वो बदलाव सीएसई की ठोस विशेषज्ञता और उस समय की कांग्रेस सरकार की वजह से संभव हो सका था.'
सोनिया गांधी ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार ने प्रदूषण कम करने की परियोजनाओं पर काम किया, जैसे- डीजल का उपयोग कम करना और गुणवत्ता में सुधार करना. कागज बनाने में पानी की खपत कम करना. खनन कंपनियों द्वारा वंचित स्थानीय समुदायों के साथ लाभ साझा करना.
Indira Gandhi's contributions to nation-building are well documented. She was a passionate naturalist mesmerized by the wonderful natural heritage of India, dazzled by the glorious biodiversity of India and firmly determined to preserve and protect it: CP Smt. Sonia Gandhi pic.twitter.com/acWgJW4k7E
— Congress (@INCIndia) November 19, 2019
सोनिया गांधी ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से, सीएसई हमारे प्राकृतिक पर्यावरण को संरक्षित, सुरक्षित और बेहतर बनाने की लड़ाई में वस्तुतःभारत की अंतरात्मा बन गया है. जिस संकट का आज हम सामना कर रहे हैं, वर्षों से इस समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी 1972 में स्टॉकहोम में मानव पर्यावरण पर पहले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को संबोधित करने वाली एकमात्र विदेशी प्रमुख थीं. इसी भाषण में मजबूती से इंदिरा गांधी ने आज के पुरस्कार के तीन विषयों- शांति, निरस्त्रीकरण और विकास को जोड़ा.
सोनिया गांधी ने कहा कि 1971 के अंत में, यहां तक कि पाकिस्तान के साथ भारत की पूर्वी सीमा पर गंभीर संकट की व्यस्तता के बावजूद, उन्होंने हमारे वन्यजीवों की रक्षा के लिए ऐतिहासिक कानून पारित करने का अवसर निकाला. राष्ट्र-निर्माण में इंदिरा गांधी के योगदान को अच्छी तरह से उल्लेखित किया गया है. वो भारत की अद्भुत प्राकृतिक विरासत से मंत्रमुग्ध एक भावुक प्रकृतिवादी थीं, जो भारत की गौरवशाली जैव विविधता को संरक्षित और सुरक्षित करने के लिए दृढ़ संकल्पित थीं.