लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में मंथन का दौर जारी है. कभी पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के इशारों पर चलने वाली कांग्रेस पार्टी अब वापस वरिष्ठ नेताओं और पार्टी की जमीनी राजनीति समझने वाले नेताओं को तरजीह देने की वकालत कर रही है और उनकी सलाह पर पार्टी में सुधार करने की तैयारी कर रही है. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने चुनाव के दौरान पार्टी के लिए जो रोड मैप बनाया था उसको खारिज कर दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठों से बातचीत कर जो रिपोर्ट तैयार की है उसमें राहुल गांधी के NSUI और यूथ कांग्रेस के फॉर्मूले को खारिज कर दिया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जो रिपोर्ट सौंपी गई है उसमें हार की सबसे बड़ी वजह फ्रंटल संगठन की निष्क्रियता को माना गया है. युवाओं की कांग्रेस से दूरी भी एक वजह बताई गई है. साथ ही साथ यूथ कांग्रेस और NSUI में अमेरिकी डेलिगेट का तर्ज पर चुनाव कराने की प्रक्रिया को भी जिम्मेदार माना गया है.
यानी राहुल गांधी के फॉर्मूले ने कांग्रेस के उस मिजाज का ही बंटाधार कर दिया जिसके हिसाब से हर युवा कांग्रेस से जुड़कर खुद का कद बड़ा मानता था. पार्टी की ये कोशिश है कि अब राहुल गांधी का पूरा ध्यान पार्टी पर रहे ना कि यूथ कांग्रेस, NSUI या महिला कांग्रेस की ओर.