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मानसून सत्र से पहले नीतीश को साधेगी कांग्रेस, राहुल गांंधी जल्द कर सकते हैं मुलाकात

सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस चाहती है कि पूरा विपक्ष सरकार के खिलाफ एकजुट हो. सूत्रों की मानें, तो नीतीश कुमार जल्द ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं. कांग्रेस किसानों की आत्महत्या के मुद्दे को केंद्र में रखकर विपक्ष को उनके साथ आने के लिए कह सकती है

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राहुल-नीतीश में होगी मुलाकात
राहुल-नीतीश में होगी मुलाकात

पिछले कई दिनों से कांग्रेस और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच में कुछ ठीक नहीं चल रहा है. कांग्रेस और राजद ने जीएसटी का विरोध किया था, तो वहीं नीतीश कुमार लगातार इस मुद्दे पर सपोर्ट में नज़र आए. अब संसद के मानसूत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस एक बार फिर विपक्ष को एक सूत्र में साधना चाहती है, यही कारण है कि 11 या 12 जुलाई को होने वाली बैठक के लिए कांग्रेस नीतीश कुमार से संपर्क साध रही है.

सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस चाहती है कि पूरा विपक्ष सरकार के खिलाफ एकजुट हो. सूत्रों की मानें, तो नीतीश कुमार जल्द ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं. कांग्रेस किसानों की आत्महत्या के मुद्दे को केंद्र में रखकर विपक्ष को उनके साथ आने के लिए कह सकती है.

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सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस देश के कई हिस्सों में किसान महापंचायत आयोजित करेगी. इसके तहत हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में 9 जुलाई से महापंचायत आयोजित की जाएगी. इसमें राहुल गांधी भी उपस्थित रह सकते हैं.

किसानों की आत्महत्या के अलावा भी कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष के निशाने पर कई अन्य मुद्दे भी हैं...

- युवाओं को रोजगार का मुद्दा, आईटी सेक्टर में बेरोजगारी, इसके साथ ही H1B वीज़ा का मुद्दा राहुल गांधी भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं.

- कश्मीर की मौजूदा स्थिति, बॉर्डर की सुरक्षा का मुद्दा

- गोरक्षक, भीड़ के द्वारा हो रहे हमले,

- जीएसटी का मुद्दा, दिव्यांग टैक्स का मुद्दा

GST और राष्ट्रपति चुनाव पर JDU की अलग राह

आपको बता दें कि इससे पहले भी GST पर और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को जेडीयू ने समर्थन का ऐलान किया था, जिसके बाद से ही महागठबंधन में बयानबाजी का दौर जारी थी. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने नीतीश के फैसलों पर सवाल उठाया था. जिसका जवाब अब नीतीश ने दिया है. नीतीश ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी को कांग्रेस से कुछ भी सीखने की जरूरत नहीं है और वे 18-20 सांसदों के दम पर प्रधानमंत्री बनने के सपने नहीं देखते. वे इस बीच कांग्रेस पर भी पलटवार करते हैं कि कांग्रेस ने पहले गांधी को छोड़ा और फिर नेहरू को भी त्याग दिया.

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