उत्तर प्रदेश और बिहार में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों की लामबंदी के बीच महाराष्ट्र में कांग्रेस और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने गठबंधन बनाने की कवायद शुरू कर दी है. आम चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे पर दोनों दलों के बीच रविवार को एक बैठक हुई. यह बैठक कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे के आवास पर हुई. इसमें कांग्रेस विधायक आरिफ नसीम खान और एनसीपी के नवाब मलिक और जितेंद्र शामिल हुए.
पत्रकारों से बातचीत में नसीम खान ने बताया कि समान विचारों वाली सभी पार्टियां गठबंधन का हिस्सा होंगी, चाहे वह कोई पार्टी हो या बड़ी. गठबंधन और सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस-एनसीपी में सहमति बन चुकी है, बस ऐलान होना बाकी है. इससे पहले शुक्रवार को एनसीपी प्रफुल पटेल ने कहा था कि उनकी पार्टी और कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे पर बातचीत कर रहे हैं, और एक जैसी विचारधारा वाले दलों से उनके गठबंधन को चुनाव में बड़ी सफलता मिलेगी.
पटेल का कहना था कि दोनों पार्टियों के बीच राज्य में 40 लोकसभा सीटों पर सहमति बन गई है जबकि बाकी की आठ सीटों पर फैसला अभी किया जाना है. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां सीटों के बंटवारे पर अपने जैसी विचारधारा वाली पार्टियों से चर्चा कर रही है. पटेल ने पत्रकारों को बताया, कांग्रेस और एनसीपी ने आगामी 2019 लोकसभा चुनावों के लिए महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे पर चर्चा में प्रगति की है.
केंद्रीय नेतृत्व करेगा फैसला
एनसीपी नेता ने कहा, हमारा हमेशा से यह मानना है कि एक जैसी विचारधारा वाली पार्टियों को एक-साथ आना चाहिए. मुझे विश्वास है कि गठबंधन को बड़ी सफलता मिलेगी. पटेल ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा, हम बी आर आंबेडकर की विचारधारा में विश्वास रखने वाले दलों को एक साथ लाना चाहते हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि नेताओं ने चुनावों के मद्देनजर बीड समेत कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मतभेदों को हल करने पर भी चर्चा की. हालांकि कांग्रेस और एनसीपी का केंद्रीय नेतृत्व सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय लेगा.
पटेल ने बताया, अब गेंद केंद्रीय नेताओं के पाले में है. दोनों पार्टियां सीटों के बंटवारे के संबंध में अपनी रिपोर्टों को अपने-अपने केंद्रीय नेताओं को सौंपेगी. इसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं. उत्तर प्रदेश की 80 सीटों के बाद यह सीटों के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा राज्य है.