कर्नाटक की एचडी कुमारस्वामी सरकार के कैबिनेट विस्तार में जगह न मिलने से नाराज विधायकों ने कांग्रेस-जेडी(एस) सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. शनिवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में 8 नए मंत्रियों को शामिल किया गया था, जबकि 2 मंत्रियों को बाहर कर दिया गया. इनमें से एक कांग्रेस के विधायक ने पार्टी छोड़ने की धमकी दी है, वहीं निर्दलीय विधायक को बीजेपी के संपर्क में बताया जा रहा है.
कैबिनेट में जगह मिलने के नाराज कांग्रेस विधायक रमेश जरकीहोली ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वे किसी भी समय पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि वे पिछले कुछ महीनों से इस्तीफा देने की सोच रहे थे लेकिन अब पार्टी ने उन्हें खुद ये मौका दे दिया. इसके अलावा मंत्रिपद नहीं मिलने के बाद कांग्रेस विधायक आर. रामलिंग रेड्डी ने आरोप लगाया कि उनके साथ अन्याय हुआ है. वहीं रेड्डी के समर्थकों ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और धरने पर बैठ गए.
विपक्षी दल बीजेपी भी लगातार मौके की ताक में है कि किसी तरह कांग्रेस में बगावत की आग को और हवा दी जाए. भाजपा सांसद शोभना करंदलाजे ने संवाददाताओं से कहा है कि कांग्रेस में जो कुछ भी हो रहा है, उससे पार्टी का कोई संबंध नहीं है. अपने लोगों को एकजुट रखना उनका काम है. हम तब तक किसी से संपर्क नहीं करेंगे जब तक वे (विधायक) कांग्रेस में हैं, लेकिन ऐसे किसी का भी स्वागत है जो हमारी पार्टी या विचारधारा को स्वीकार करता है.
इस बीच कर्नाटक सरकार में मंत्री डी.के. शिवकुमार ने मामले को ठंडा करने की कोशिश करते हुए कहा, ''मैं यह नहीं कहते कि मांग करना गलत है. यहां तक मैं खुद धरम सिंह की सरकार में मंत्री बनना चाहता था लेकिन मैं शांत हो गया क्योंकि मैं परिस्थिति को समझ गया. यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सरकार में भी मैं देर से मंत्री बना, मैं अपने दोस्तों से गुजारिश करता हूं कि वे परेशान न हों."
मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार ने असंतोष पर काबू पाने के प्रयास के तहत 9 संसदीय सचिव नियुक्त किए और 19 विधायकों को विभिन्न बोर्ड एवं निगमों का अध्यक्ष बनाया. लेकिन मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने के बाद रमेश जरकीहोली की धमकी से कांग्रेस-जेडी (एस) की बेचैनी बढ़ सकती है.
गौरतलब है कि सत्ताधारी गठबंधन के समन्वयक सिद्धारमैया ने रविवार को विधायकों में किसी के इस्तीफे की संभावना से इनकार किया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी में कोई असंतोष नहीं है और कोई भी इस्तीफा नहीं देगा. उनके (रमेश जरकीहोली) भाई (सतीश) को उनके परिवार से विधायक बनाया गया है. सिद्धारमैया ने कहा है कि अंतिम निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लिया गया.