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कर्नाटक कैबिनेट का विस्तार, कांग्रेस के 8 MLA बने मंत्री, 2 को दिखाया बाहर का रास्ता

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शनिवार को अपने 6 महीने पुराने कैबिनेट का विस्तार किया और इसमें गठबंधन साझेदार कांग्रेस के 8 सदस्यों को शामिल किया. वहीं 2 मंत्रियों, रमेश जारकिहोली और आर. शंकर को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया है.

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राहुल गांधी और कुमारस्वामी (तस्वीर- PTI)
राहुल गांधी और कुमारस्वामी (तस्वीर- PTI)

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शनिवार को अपने 6 महीने पुराने कैबिनेट का विस्तार किया और इसमें गठबंधन साझेदार कांग्रेस के 8 सदस्यों को शामिल किया. दो मंत्रियों, रमेश जारकिहोली (नगर प्रशासन) और आर. शंकर (वन एवं पर्यावरण) को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया है. राज्यपाल वजुभाई वाला ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राजभवन के ग्लास हाउस में नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. नए मंत्रियों में सतीश जारकिहोली, एम. बी. पाटिल, सी. एस. शिवल्ली, एम. टी. बी. नागराज, ई. तुकाराम, पी. टी. परमेश्वर नाइक, रहीम खान और आर. बी. थिम्मारपुर शामिल हैं. 8 में से 7 मंत्री उत्तर कर्नाटक के हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार रात मंत्रिमंडल विस्तार को मंजूरी दे दी थी. इससे पहले उन्होंने प्रदेश में पार्टी नेताओं और कर्नाटक प्रभारी सचिव के. सी. वेणुगोपाल से भेंट की थी और मुद्दे पर चर्चा की थी. रमेश जारकिहोली का कथित रूप से भाजपा नेताओं से मेल-जोल है और वह कैबिनेट तथा पार्टी की बैठकों में नहीं आ रहे हैं. उन्हें कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया गया है. उनके स्थान पर उनके भाई सतीश जारकिहोली को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. शंकर निर्दलीय विधायक हैं. कांग्रेस का सहयोग न करने के कारण उन्हें मंत्रिमंडल से हटाया गया है.

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कुमारस्वामी मंत्रिमंडल का विस्तार, कांग्रेस में उठे असंतोष के सुर

कैबिनेट विस्तार को कई बार टाला गया है क्योंकि कई इच्छुक, खासतौर पर, कांग्रेस से मंत्री बनने के इच्छुक नेताओं ने खुले तौर पर अपनी नाखुशी जाहिर की थी. कांग्रेस नेता लगातार कह रहे थे कि कैबिनेट का विस्तार तय समय यानी 22 दिसंबर को ही होगा, लेकिन पार्टी विधायकों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव तक इसके होने पर संशय था. इसके लिए कुछ ‘शून्य मास’ का हवाला दिया गया जिसे अशुभ समझा जाता है.

सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट विस्तार के साथ विभिन्न बोर्ड और निगमों के प्रमुखों के तौर पर मंत्रियों के संसदीय सचिवों के तौर पर विधायकों की नियुक्ति भी शनिवार को ही की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेता वी मुनिअप्पा मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव होंगे जबकि अजय सिंह राष्ट्रीय राजधानी में राज्य के प्रतिनिधि होंगे. उन्होंने बताया कि शरणबसप्पा दर्शनपुर को राज्य के योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है.

इस बीच, कांग्रेस में असंतोष के सुर उठते दिख रहे हैं क्योंकि कुछ वरिष्ठ नेताओं के नाम पर मंत्री पद के लिए विचार नहीं किया गया. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी सौम्या रेड्डी (विधायक) ने मंत्री पद के लिए उनके पिता के नाम पर विचार नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की है और बेंगलुरु शहर में पार्टी को बढ़ाने में अपने पिता के योगदान को रेखांकित किया.

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सौम्या रेड्डी को संसदीय सचिव पद की पेशकश की गई थी जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. एक अन्य इच्छुक और हिरेकेरूर से विधायक बीसी पाटिल भी मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर नाखुश हैं. उनके समर्थकों ने उनके निर्वाचन क्षेत्र में धरना भी दिया है. उन्होंने कहा कि मैं कारण नहीं जानता हूं, लेकिन मुझे इस बार (मंत्री पद) नहीं मिला है. पाटिल ने कहा कि उन्हें सिद्धरमैया पर विश्वास है जिन्हें उन्होंने अपना ‘राजनीतिक गुरू’ बताया.

हवेरी जिले से कम प्रतिनिधित्व को रेखांकित करते हुए अभिनेता और सियासतदान ने कहा कि विजयपुरा जैसे कुछ जिलों से पहले ही दो मंत्री थे अब एमबी पाटिल के तौर पर 3 मंत्री हो गए हैं जो लिंगायत समुदाय से हैं. भद्रवती से कांग्रेस के अन्य विधायक बी. के. संगमेश ने कहा कि वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा के गढ़ शिवमोगा से पार्टी के इकलौते विधायक हैं और सिद्धरमैया ने उन्हें मंत्री बनाने का वायदा किया था. हगारिबोम्मानाहल्ली से विधायक भीमा नाइक ने उन्हें नजरअंदाज कर परमेश्वर नाइक को मौका देने के लिए पार्टी नेतृत्व पर हमला किया.

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