जम्मू- कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर चारों तरफ गुस्सा नजर आ रहा है जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पंजाब के मंत्री और अपने पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के सुझाव को खारिज कर दिया है. आजाद ने कहा कि यह वक्त बातचीत का नहीं है. बातचीत की बात करना तो बेवकूफी होगी. हमारे जवानों की शहादत जाया ना जाए इसके लिए हमें कड़ा जवाब देना चाहिए.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह वक्त आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है. यह वक्त सरकार के साथ खड़े रहने का है. सरकार ने विभिन्न नेताओं की बैठक बुलाई है. मैं अपील करूंगा कि देश भर के सियासी दलों के नेताओं की बैठक बुलाए. नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान के साथ बातचीत से मामले को सुलझाने के सुझाव को आजाद ने सिरे से खारिज दिया. उन्होंने कहा कि यह वक्त बातचीत का नहीं है. बातचीत की बात करना तो बेवकूफी होगी. हमारे जवानों की शहादत जाया ना जाए इसके लिए हमें कड़ा जवाब देना चाहिए.
Delhi: All party meeting called by central govt. underway at the Parliament. #PulwamaAttack pic.twitter.com/OqeqgzteE1
— ANI (@ANI) February 16, 2019
गौरतलब है कि पुलवामा मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि आतंकियों का कोई देश या धर्म नहीं होता है. गालियां देने से इसका समाधान नहीं होगा, आतंकवाद का हल ढूंढना ही होगा. उन्होंने कहा, 'ऐसे लोगों का को धर्म नहीं होता, देश नहीं होता, जाति नहीं होती है. लोहा लोहे को काटता है, आग आग को काटती है.' सिद्धू ने कहा कि जहां-जहां जंगें चलती रहती है वहां डायलॉग भी साथ-साथ चलता है. सिद्धू ने कहा कि आतंकवाद का स्थायी समाधान खोजा जाना चाहिए.
पाकिस्तानी के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने गुरुवार को पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक काफिले पर कार बम से हमला कर दिया था जो राज्य में 1989 में अलगावादी आंदोलन शुरू होने के बाद सबसे भीषण हमला था. जैश के संस्थापक मसूद अज़हर का ठिकाना भी पाकिस्तान ही है. ऐसे में भारत ने पाकिस्तान को इस हमले के लिए सीधे तौर जिम्मेदार ठहराया है.