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पिता राजीव गांधी के नक्‍शेकदम पर चलकर 2014 की लड़ाई लड़ेंगे राहुल

कहते हैं मुश्किल में अपने ही काम आते हैं. राहुल ने भी 2014 की चुनावी लड़ाई जीतने के लिए अपने पिता के चुने गये सिपहसालारों पर भरोसा करना शुरु कर दिया है. पार्टी ने अब तीन और पुराने युवक कांग्रेसियों को चुनकर उनको देश भर में भोजन की गारंटी कानून का प्रचार करने कहा है. जाहिर है राहुल पिता के नक्शेकदम पर चलना चाहते हैं.

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राहुल गांधी
राहुल गांधी

कहते हैं मुश्किल में अपने ही काम आते हैं. राहुल ने भी 2014 की चुनावी लड़ाई जीतने के लिए अपने पिता के चुने गये सिपहसालारों पर भरोसा करना शुरु कर दिया है. पार्टी ने अब तीन और पुराने युवक कांग्रेसियों को चुनकर उनको देश भर में भोजन की गारंटी कानून का प्रचार करने कहा है. जाहिर है राहुल पिता के नक्शेकदम पर चलना चाहते हैं.

पापा कहते है बेटा नाम करेगा, जी हां कांग्रेस के उपाधयक्ष राहुल गांधी भी अपने पिता के अंदाज में काम कर रहे हैं. पहले उन्‍होंने युवक कांग्रेस की नई टीम बनाई और अब वो अपने पिता के साथ काम करने वालों को ही आगे कर रहे हैं. पार्टी में आगे बढ़ने के लिए सबसे पहली शर्त युवक कांग्रेस का अनुभव ही माना जा रहा है.

पार्टी ने मंगलवार को ही युवक कांग्रेस के तीन पुराने नेताओं को एक बड़ी जिममेदारी दे दी. इन नेताओं को देश भर में भोजन की गारंटी के कानून का प्रचार करने और राज्‍यों में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करने कहा गया है. बिहार से प्रेम चंद मिश्रा, मध्यप्रदेश से मुकेश नायक और हरियाणा से रणदीप सुरजेवाला को चुना गया है.

ये तीनों ही युवक कांग्रेस की कमान संभाल चुके हैं. जाहिर तौर पर चुनावी युद्ध के लिए राहुल की टीम में सेनापति वही होगा जो युवक कांग्रेस का काम कर चुका है.

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इसके पहले राहुल की पसंद पर ही युवक कांग्रेस में काम कर चुके अजय माकन, बीके हरिप्रसाद, अशोक तंवर को पार्टी में जगह दी गई है. कहा तो ये भी जा रहा है कि पार्टी भोजन की गारंटी कानून को ही अपना चुनावी एजेंडा बना रही है.

पार्टी ने इस शनिवार को दिल्‍ली में एक कांग्रेस कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक बुलाई है. इस बैठक में कांग्रेस के महासचिवों, कांग्रेस शासित राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों और प्रदेश अध्‍यक्षों के अलावा प्रधानमंत्री सहित सरकार के कई मंत्री शामिल होंगे. जाहिर तौर पर कांग्रेस के इस दांव के बाद अब बीजेपी फिर से भ्रष्टाचार और सरकार की नाकामी जैसे मुद्दे उठा रही है.

बीजेपी भले चाहे मोदी को मुद्दा बनाना चाहती है लेकिन कांग्रेस की रणनीति साफ है कि वो किसी व्‍यक्ति के बजाय मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहती है. ऐसे मे उसे भोजन की गारंटी ही सबसे बडा मुद्दा लग रहा है.

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