प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में लोकपाल चयन समिति की आज बैठक होनी है. जिसमें लोकपाल और उसके सदस्यों की नियुक्ति को लेकर नामों की सिफारिश के लिए एक सर्च कमेटी गठित होनी है. लेकिन लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का साफ कहना है कि लोकपाल अधिनियम 2013 के अनुसार जब तक सदन के सबसे बड़े विपक्षी दल होने के नाते हमें पूर्ण रूप से सदस्य का दर्जा नहीं मिलता तब तक वे इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे.
Mallikarjun Kharge writes to PM Modi stating 'I would not be able to attend the meeting of the Selection Committee on 19th July until the Leader of Single Largest Opposition party is conferred the status of a full-fledged member as envisioned in the Lokpal Act, 2013' (file pic) pic.twitter.com/iJhUvxVORC
— ANI (@ANI) July 19, 2018
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पहले केंद्र को लोकपाल की नियुक्ति के लिए उठाए जाने वाली आवश्यक प्रकिया के बारे में बताने और प्रक्रिया के पूरा होने की समयसीमा बताने के निर्देश दिए थे. जिसके जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया था कि 19 जुलाई को सर्च कमेटी के गठन के लिए बैठक होनी है. तब पीठ ने कहा था कि वह उम्मीद करती है कि 19 जुलाई को सर्च कमेटी का गठन हो जाएगा.
एनजीओ कॉमन कॉज की ओर से पेश वरिष्ठ वकील शांति भूषण की तरफ से दलील दी गई थी कि कानून के लागू होने के साढ़े चार साल बाद भी अभी तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो पाई है. भूषण ने अदालत से संविधान के अनुच्छेद 142 के अंतर्गत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने और स्थापित प्रक्रिया से लोकपाल की नियुक्ति होने तक लोकपाल नियुक्त करने की मांग की थी.
बता दें कि लोकपाल की नियुक्ति के लिए चयन समिति में लोकपाल अधिनियम, 2013 के अनुसार अध्यक्ष के तौर पर प्रधानमंत्री, के साथ मुख्य न्यायाधीश (या उनके द्वारा नामित वयक्ति), लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा मे विपक्षी के नेता और प्रसिद्ध न्यायविद समेत लोग शामिल हैं. लेकिन मौजूदा लोकसभा में विपक्ष का कोई नेता नहीं है. क्योंकि इसके लिए कांग्रेस के पास पर्याप्त संख्या नहीं है. वहीं लोकपाल अधिनियम मे कोई संशोधन नहीं किया गया है जिससे सबसे बड़े विपक्षी दल को सदस्य के रूप में शामिल किया जा सके. यही कारण है कि सरकार ने बैठक में कांग्रेस को स्पेशल गेस्ट के तौर पर आमंत्रित किया है.
दरअसल विपक्ष के नेता का दर्जा हासिल करने के लिए कम से कम 55 सीट या लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का दस फीसदी सीट होना अनिवार्य है. वहीं लोकसभा मे कांग्रेस सांसदों की संख्या 48 ही है.