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चीनी राष्ट्रपति ने कहा-सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए

भारत के कड़े विरोध के बावजूद चीन की राजधानी बीजिंग में रविवार को 'वन बेल्ट वन रोड' समिट शुरू हुआ. दो दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में 29 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस, विश्व बैंक के प्रेसिडेंट जिम योंग किम, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टीन लगार्ड के अलावा 130 देशों के अधिकारी, उद्योगपति, फाइनेंसर और पत्रकार हिस्सा ले रहे हैं.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

भारत के कड़े विरोध के बावजूद चीन की राजधानी बीजिंग में रविवार को 'वन बेल्ट वन रोड' समिट शुरू हुआ. दो दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में 29 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस, विश्व बैंक के प्रेसिडेंट जिम योंग किम, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टीन लगार्ड के अलावा 130 देशों के अधिकारी, उद्योगपति, फाइनेंसर और पत्रकार हिस्सा ले रहे हैं.

गौरतलब है कि संप्रभुता से जुड़ी अपनी चिंताओं की वजह से भारत इस समिट में शामिल नहीं हुआ है.

समिट का उद्घाटन करते हुए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने आज कहा कि सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता और भूभागीय एकता का सम्मान करना चाहिए.

भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरने वाले इस विवादित आर्थिक गलियारे को लेकर चिंताओं के चलते इस फोरम का बहिष्कार किया है.

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अपने उद्घाटन भाषण में चीन के दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए 63 वर्षीय शी चिनफिंग ने प्राचीन रेशम मार्ग का संदर्भ दिया और सिंधु तथा गंगा सभ्यताओं सहित विभिन्न सभ्यताओं के महत्व पर अपनी बात रखी.

चीन-भारत आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर भारत की आपत्तियों का संदर्भ दिए बिना शी ने कहा सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता, मर्यादा और भूभागीय एकता का, एक दूसरे के विकास के रास्ते का, सामाजिक प्रणालियों का और एक दूसरे के प्रमुख हितों तथा बड़ी चिंताओं का सम्मान करना चाहिए.

भारत ने करीब 50 अरब डालर से अधिक की लागत वाले सीपीईसी को लेकर अपनी संप्रभुता संबंधी चिंताओं के चलते सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया. सीपीईसी पाक अधिकृत कश्मीर से हो कर गुजरेगा. दो दिवसीय इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कुछ भारतीय विद्वानों ने हिस्सा लिया.

बीजिंग में हो रहे इस सम्मेलन में 29 देशों के नेता शामिल हुए. शी ने कहा कि बेल्ट एंड रोड पहल सदी की परियोजना है जिससे पूरी दुनिया के लोगों को लाभ होगा. सीपीईसी के हिस्से वाले बेल्ट एंड रोड पहल में हिस्सा ले रहे देशों का छोटा समूह बनाने की कोशिश से इंकार करते हुए शी ने कहा कि चीन की योजना ऐसी मार्ग बनाने की है जो शांति के लिए हो और एशिया, यूरोप तथा अफ्रीका के ज्यादातर हिस्सों से उनके देश को जोड़े.

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