केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड का एक शीर्ष अधिकारी एक क्षेत्रीय फिल्म को हरी झंडी दिखाने के लिए एक सर्टिफाइड एजेंट से कथित तौर पर 70,000 रुपये की मांग कर सीबीआई की निगरानी के दायरे में आ गया है. वहीं, जांच एजेंसी ने इस सिलसिले में एक एजेंट और सलाहकार पैनल के एक सदस्य को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया.
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने दो बिचौलियों के अलावा शीर्ष अधिकारी के आवास की तलाशी ली.
सूत्रों ने बताया कि फिल्म की मंजूरी के लिए एक अधिकृत एजेंट ने सीबीआई का रुख कर आरोप लगाया था कि श्रीपति मिश्रा नाम के एक अन्य एजेंट छत्तीसगढ़ की क्षेत्रीय भाषा की फिल्म ‘मोर दौकी के बिहाव’ को सेंसर प्रमाणपत्र जारी करने के लिए राकेश कुमार की ओर से 70,000 रुपये मांग रहे हैं, जो सीबीएफसी में मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं.
सूत्रों ने बताया कि फिल्म के निर्माताओं ने एक फौरी प्रमाणपत्र मांगा था, क्योंकि फिल्म रिलीज की तारीख 15 अगस्त 2014 है.
शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने संदिग्धों को पकड़ने के लिए कई स्थानों पर जाल बिछाया.
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि मिश्रा को राकेश कुमार की ओर से 70,000 रूपये की मांग करते और यह रकम स्वीकार करते पकड़ा गया.
कुमार की ओर से रिश्वत की रकम स्वीकार करते हुए सीबीएफसी, मुंबई के सलाहकार पैनल सदस्य सर्वेश जायसवाल को भी पकड़ा गया. इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और इन्हें उपयुक्त समय पर अदालत में पेश किया जाएगा.