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इंडो-ईरान UCO बैंक स्कैम: CBI ने RBI अफसरों के खिलाफ दर्ज किया केस

इंडो-ईरान यूको बैंक घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है. 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के इस घोटाले के मामले में सीबीआई ने यूको बैंक के पूर्व बैंकर और आरबीआई के कुछ अज्ञात अफसरों के खिलाफ प्राइमरी इन्क्वॉयरी फाइल की है. 3 दिसंबर 2014 को इंडिया टूडे ने इस घोटाले को उजागर किया था. इस बड़े हवाला घोटाले में सेंट्रल एशियाई देशों खासकर ईरान के साथ काम करने वाले एक्सपोर्टर शामिल थे.

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प्राइमरी इन्क्वॉयरी में यूको बैंक के एजीएम का नाम भी शामिल
प्राइमरी इन्क्वॉयरी में यूको बैंक के एजीएम का नाम भी शामिल

इंडो-ईरान यूको बैंक घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है. 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के इस घोटाले के मामले में सीबीआई ने यूको बैंक के पूर्व बैंकर और आरबीआई के कुछ अज्ञात अफसरों के खिलाफ प्राइमरी इन्क्वॉयरी फाइल की है. 3 दिसंबर 2014 को इंडिया टूडे ने इस घोटाले को उजागर किया था. इस बड़े हवाला घोटाले में सेंट्रल एशियाई देशों खासकर ईरान के साथ काम करने वाले एक्सपोर्टर शामिल थे.

कैसे हुआ ये घोटाला
घोटाले की शुरुआती जांच में इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने ये पाया था कि ईरान और अजरबेजान के नौ नागरिक 'स्टूडेंट वीजा' के आधार पर भारत में दाखिल हुए. उन्होंने देश में शेल कंपनियां बना ली, ताकि वे ईरान यूको बैंक अकाउंट से प्रॉफिट कमा सके. इन विदेशी नागरिकों ने यूको बैंक को आकर्षक बिजनेस प्रस्ताव दिया और उन्हें ये यकीन दिलाया कि ईरान से उनके अकाउंट में पैसे आते ही वे बिजनेस के लिए जरूरी डिपॉजिट कर देंगे.

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ईडी ने सीबीआई को ट्रांसफर किया केस
इस पूरी प्रक्रिया में फर्जी अकाउंट के जरिए कई पेमेंट भी हुए. बैंक के ब्रांच ने एक्सपोर्ट जमा की अनियमितताओं को उजागर करने के लिए कई संचयी पत्र भी भेजे, लेकिन न तो इन्हें गंभीरता से लिया गया और न ही कोई कार्रवाई हुई, जो कि आरबीआई की गाइडलाइन के खिलाफ है. वित्त मंत्रालय और केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देश पर ईडी ने ये मामला सीबीआई को ट्रांसफर किया.

इनके खिलाफ बनी प्राइमरी इन्क्वॉयरी
अप्रैल 2016 में सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस घोटाले की प्राइमरी इन्क्वॉयरी बनाई है. जिसमें यूको बैंक के पूर्व एजीएम अरुण गुप्ता, आरबीआई के एक अज्ञात अफसर, ट्रू एक्सपोर्ट सर्विस प्रा. लि. ए एंड एच जनरल एक्सपोर्ट ट्रेडर, स्टार एलिट एक्सपोर्ट ट्रेडिंग प्रा. लि., न्यू एज एक्सपोर्ट सर्विसेज प्रा. लि., कनेक्ट ट्रेडर्स प्रा. लि., एलिट वर्ल्ड जनरल ट्रेडिंग प्रा. लि., जिनियस एक्सपोर्ट प्रा. लि., और सेंट्रोयड एक्सपोर्ट प्रा. लि. शामिल है.

 

घोटाले में आरबीआई अफसरों का भी हाथ
इंडो-ईरान यूको बैंक घोटाले में आरबीआई के कुछ अफसरों का भी हाथ है. प्राइमरी इन्क्वॉयरी रिपोर्ट के मुताबिक, 'पूरा मामला आरबीआई के संज्ञान में जाना चाहिए था, ताकि आरबीआई तुरंत इसपर कोई एक्शन लेती. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ. यूको बैंक ने फेमा (FEMA) नियमों के खिलाफ जाकर काम किया. आरबीआई के वो जिम्मेदार अफसर जो पब्लिक सेक्टर में विदेशी मुद्रा के ट्रांफसर की निगरानी करते हैं, वे अपने इस काम में फेल रहे.'

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क्या है फेमा कानून
आर्थिक सुधारों के संदर्भ में विदेशी लेनदेन को एक नए अधिनियम द्वारा प्रतिस्‍थापित किया गया, जिसका नाम है विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 . इसके तहत कोई भी विदेशी निवेश या लेनदेन के लिए संबंधित बैंक या ब्रांच को पहले आरबीआई को सूचित करना होगा. बैंकों को ये भी सुनिश्चित करना है कि कोई भी एक्सपोर्ट रसीद जारी होने के 12 महीने के अंदर प्राप्त हो जाए. इसके लिए शिपिंग बिल, इनवॉयज, कस्टम अथॉरिटी द्वारा दिए गए जीआर फॉर्म के साथ ही अन्य जरूरी दस्तावेज भी होने चाहिए.

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