सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम पर मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी है. दूसरी ओर चिंदबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की विदेश यात्रा की इजाजत मांगे जाने वाली याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 28 जनवरी तक के लिए टाल दी है.
सीबीआई ने इस मामले में 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था. इसमें चिदंबरम पर आरोप लगाया गया था कि 2007 में जब वह वित्त मंत्री थे, उस वक्त आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने में कथित अनियमितता बरती गई. इस मामले में कथित रूप से 10 लाख रुपये हासिल करने के लिए चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया था. आईएनएक्स मीडिया कंपनी के तत्कालीन निदेशक इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी भी इस मामले में आरोपी हैं.
दूसरी ओर सु्प्रीम कोर्ट ने चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की उस याचिका की सुनवाई 28 जनवरी तक के लिए टाल दी है जिसमें विदेश जाने की इजाजत मांगी गई थी. कार्ति की याचिका पर जवाब दायर करने के लिये प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा और वक्त मांगे जाने के बाद प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने मामले में सुनवाई स्थगित कर दी.
कार्ति ने याचिका में कहा था कि वह अगले कुछ महीनों के दौरान फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा करना चाहते हैं. सीबीआई ने इस याचिका का विरोध किया था. कार्ति ने अपनी याचिका में कहा कि अगले कुछ महीनों में उन्हें फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा पर जाना पड़ेगा. यह यात्राएं ‘टोटस टेनिस लिमिटेड’ नाम की कंपनी द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के संदर्भ में होगी. कंपनी का पंजीकृत कार्यालय ब्रिटेन में है.
इसमें कहा गया कि कार्ति 'पूर्व खिलाड़ी, मौजूदा प्रशासक और उद्यमी' के तौर पर टेनिस से जुड़े हुए हैं. याचिका में कहा गया है कि 21 से 27 जनवरी तक उनकी उपस्थिति टोटस की समीक्षा और संचालन बैठकों के लिहाज से जरूरी है. कार्ति प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए आपराधिक मामलों में जांच का सामना कर रहे हैं.