बीएमडल्यू हिट एंड रन केस के मुजरिम संजीव नंदा को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. हाई कोर्ट ने इस केस में संजीव नंदा की सज़ा पांच साल से घटाकर दो साल कर दी है.
10 जनवरी 1999 को दिल्ली में हुए बीएमडल्यू हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में पटियाला हाउस अदालत ने संजीव नंदा को पांच साल की सज़ा सुनाई थी. जबकि राजीव गुप्ता को एक साल और भोला नाथ को 6 महीने की.
निचली अदालत के फ़ैसले को चुनौती देते हुए संजीव नंदा ने हाई कोर्ट में अपील दायर की थी. संजीव नंदा ने कोर्ट से कहा था कि निचली अदालत ने फ़ैसला मीडिया के दबाव में दिया था. संजीव के वकील ने ये दलील भी दी थी कि मामले के मुख्य गवाह सुनील कुलकर्णी भरोसे के लायक नहीं क्योंकि वो हादसे वाले दिन दिल्ली में था ही नहीं. जबकि इस मामले में ग़लती उन लोगों की है जिनकी मौत हुई क्योंकि सुबह के पांच बजे वो बीच सड़क में खड़े थे. हाईकोर्ट ने मामले के गवाह सुनील कुलकर्णी के खिलाफ भी झूठी गवाही देने का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है.