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महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग तट पर 100 वर्षों बाद दिखी नीली व्हेल

महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग बंदरगाह से 3 किलोमीटर दूर तकरीबन 100 वर्षों बाद नीली व्हेल का जोड़ा दिखाई दिया है. इन व्हेल मछलियों को शोधकर्ताओं की एक टीम ने इस बंदरगाह पर मार्च और मई के मध्य देखा. इस अवधि के दौरान शोधकर्ताओं ने चार अन्य व्हेल मछलियों को भी इसी बंदरगाह पर देखा.

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Symbolic Image
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महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग बंदरगाह से 3 किलोमीटर दूर तकरीबन 100 वर्षों बाद नीली व्हेल का जोड़ा दिखाई दिया है. इन व्हेल मछलियों को शोधकर्ताओं की एक टीम ने इस बंदरगाह पर मार्च और मई के मध्य देखा. इस अवधि के दौरान शोधकर्ताओं ने चार अन्य व्हेल मछलियों को भी इसी बंदरगाह पर देखा.

संयुक्त राष्ट्र के डेवेलपमेंट प्रोग्राम के अन्तर्गत ये कार्यक्रम पिछले 6 महीने से जारी है.

सेटासीन पॉपुलेशन स्टडी टीम के सदस्य, केतकी जोग कहते हैं कि 'नीली व्हेल मछलियों का ये जोड़ा मां और बच्चे का था. इन्हें कुन्केश्वर के पास समुद्र तट से 2.7 किलोमीटर दूर 16 मीटर की गहराई में देखा गया.'

मेनग्रूव के प्रमुख वन संरक्षक एन वसुदेव कहते हैं 'पिछली बार महाराष्ट्र की बंदरगाह पर नीली व्हेल मछली वर्ष 1914 में देखी गई थी. हाल ही में व्हेल मछली 2010 में मंगलोर के तट पर देखी गई थी.

मेनग्रूव सेल के प्रमुख ने ये भी कहा कि सिंधुदुर्ग बंदरगाह पर व्हेल पर नियमित रूप से नजर रखी जा रही है. बिना उन्हें परेशान किए और उनके आवास को नुकसान पहुंचाए इन जगहों को प्रयटन स्थलों में बदला जा सकता है.

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