काले धन पर बनी एसआईटी ने विभिन्न एजेंसियों से कर चोरी और आपराधिक वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित मामलों का ब्यौरा मांगा है. इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश के लिए काम कर रही एजेंसियों से एसआईटी ने ऐसे मौजूदा मामलों का ब्यौरा मांगा है जिनकी फिलहाल जांच चल रही है.
सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश एम बी शाह की अगुवाई वाली एसआईटी ने अपने पैनल के 11 विभागों से इन मामलों का ब्यौरा मांगा है और जांच की स्थिति के बारे में पूछा है. साथ ही इन एजेंसियों से इन मामले को अभियोजन या जुर्माने के लिए आगे ले जाने में आने वाली दिक्कतों के बारे में भी पूछा गया है.
एसआईटी के सदस्य विभागों व एजेंसियों में राजस्व विभाग (वित्त मंत्रालय के तहत) रिजर्व बैंक, खुफिया ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, आयकर विभाग, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, राजस्व खुफिया निदेशालय, वित्तीय खुफिया इकाई, रॉ, सीबीडीटी के तहत आने वाले विदेशी कर और कर अनुसंधान शाखा शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ने ये आंकड़े इसलिए मांगे हैं जिससे पता चल सके कि देश में काले धन का प्रभाव कितना है.
कर या शुल्क चोरी, विदेशी विनिमय कानून के उल्लंघन, आय से अधिक आमदनी, देश और विदेश में बेनामी संपत्तियों का सृजन आदि कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे गैरकानूनी पैसा बनता है.