भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) टैक्स चोरों और शेयर बाजारों में कालाधन लगाने वालों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार के साथ पी-नोट्स सहित सभी आवश्यक उपायों पर विचार विमर्श करेगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) को सभी सुरक्षा उपायों के बारे में ताजा जानकारी से अवगत कराया जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि सेबी निदेशक मंडल की सोमवार को हुई बैठक में नियामक ने इस तरह की गड़बड़ियों पर अंकुश के सभी उपायों पर विचार किया. सेबी के बोर्ड के सदस्यों को संदिग्ध कर चोरों और शेयर बाजारों के जरिए कालेधन का शोधन करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई की भी जानकारी दी गई. सेबी बोर्ड में सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा मनोनीत सदस्यों के अलावा स्वतंत्र निदेशक भी हैं.
अभी तक नियामक ने इस तरह के मामलों में एक हजार से अधिक इकाइयों पर अंतरिम आदेश के जरिए रोक लगाई है. इसके अलावा आगे की कार्रवाई जारी है. ये सभी मामले अन्य एजेंसियों मसलन आयकर विभाग, वित्तीय खुफिया इकाई और प्रवर्तन निदेशालय को भी भेजे गए हैं. सरकार और नियामक दोनों का मानना है कि इस तरह के मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में उपाय किए गए हैं. आगे और विचार विमर्श के जरिए यह तय किया जाएगा कि क्या अतिरिक्त बचाव उपाय किए जाने की जरूरत है. सूत्रों ने कहा कि एसआईटी को मौजूदा और अतिरिक्त उपायों का ब्योरा दिया जाएगा.
निगरानी तंत्र को पुख्ता बनाने की जरूरत
सेबी के बोर्ड की बैठक में कालेधन पर एसआईटी की ताजा रिपोर्ट पर भी विचार हुआ. एसआईटी की पिछले महीने की रिपोर्ट में कहा गया है कि पी-नोट्स के दुरुपयोग रोकने के लिए और कदमों की जरूरत है. इस मार्ग का इस्तेमाल विदेशों से बिना हिसाब किताब वाले धन को शेयर बाजार में लगाने के लिए किया जाता है.
एसआईटी ने सुझाव दिया है कि सेबी को अपने निगरानी तंत्र को और पुख्ता बनाने की जरूरत है, जिससे कर चोरी के लिए शेयर बाजार के प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग के मामलों को पकड़ा जा सके.
वित्त सचिव राजीव महर्षि ने पिछले सप्ताह कहा था कि पार्टिसिपेटरी नोट्स के नियमनों में अधिक बदलाव की जरूरत नहीं है, क्योंकि मौजूदा नियम ऐसे हैं जिससे इस मार्ग का दुरुपयोग करना लगभग असंभव है.
-इनपुट भाषा से