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गुजरात राज्यसभा उपचुनाव में बीजेपी ने मारी बाजी, एस जयशंकर को मिली जीत

बीजेपी की ओर से उम्मीदवार विदेश मंत्री एस जयशंकर और जुगल जी ठाकोर जीत दर्ज करने में सफल हुए. उपचुनाव में बीजेपी को 99, बीटीपी को 2 और एनसीपी को 1 वोट मिला है.

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एस जयशंकर (फाइल फोटो)
एस जयशंकर (फाइल फोटो)

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शुक्रवार को गुजरात में राज्यसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर ली है. बीजेपी की ओर से उम्मीदवार विदेश मंत्री एस जयशंकर और जुगल जी ठाकोर जीत दर्ज करने में सफल हुए. उपचुनाव में बीजेपी को 99, बीटीपी को 2 और एनसीपी को 1 वोट मिला है. अल्पेश ठाकोर और धवलसिंह जाला ने क्रॉस वोटिंग की. वहीं राज्य के कृषि मंत्री आरसी फालदू का वोट तकनीकी गलती के कारण अयोग्य हो गया था.

जीत के बाद एस जयशंकर ने कहा कि समर्थन के लिए मैं सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं. जैसा कि मैंने अपने नामांकन के दौरान कहा था कि विदेश मंत्री और गुजरात की स्वाभाविक भागीदारी है. ऐसा कोई देश नहीं है जहां गुजराती नहीं है. यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है, तो गुजरात की इसमें भूमिका है.

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जुगल जी ठाकोर ने कहा कि मैं बीजेपी के विधायकों और अन्य पार्टियों के विधायकों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे वोट दिया है.

 

बता दें कि उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने व्हिप जारी किया था. इसके बावजूद कांग्रेस के दो विधायक अल्पेश ठाकोर और धवलसिंह ने क्रॉस वोटिंग की. कांग्रेस बागी विधायक अल्पेश ठाकोर और धवन झाला ने बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में वोट किए. क्रॉस वोटिंग करने के बाद अल्पेश ठाकोर ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया.

कांग्रेस की ओर से चंद्रिका चुड़ासमा और गौरव पांड्या उम्मीदवार थे. दोनों ही नेताओं को हार मिली है. केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह गांधीनगर और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अमेठी सीट से लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद दोनों राज्यसभा सीटें रिक्त हुई थी.

कांग्रेस को पहले ही था क्रॉस वोटिंग का डर

विधानसभा में कांग्रेस के 76 में से कुल 71 विधायक बचे हैं. कांग्रेस को डर था कि बीजेपी इनके विधायकों से क्रॉस वोटिंग करा सकती है. कांग्रेस की शंका वोटिंग के दौरान देखने को मिली. अल्पेश ठाकोर और उनके करीबी धवन झाला ने कांग्रेस प्रत्याशी के बजाय बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में वोटिंग की.  

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88 विधायकों का चाहिए था साथ

गुजरात विधानसभा में 182 सदस्य होते हैं. लेकिन इस उपचुनाव में 175 एमएलए को ही वोट करना था. गुजरात में बीजेपी के 100 और कांग्रेस के 71 विधायक हैं. एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 50% वोट यानी कि 88 विधायकों का मत चाहिए था.  

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